प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकताओं का अभिवादन स्वीकार करते प्रियंका वराहुल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मिशन यूपी के लिए अपनी बहन प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतार दिया है। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी बनने के बाद लखनऊ में मेगा रोड शो कर प्रियंका गांधी ने अपनी धमक का एहसास कराया. प्रियंका गांधी वैसे तो रोड शो के दौरान कुछ बोलीं नहीं, लेकिन मुस्कुराकर और हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार करती रहीं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने अपने प्रभार वाले 42 लोकसभा सीटों के पदाधिकारियों और कार्यकताओं के साथ मैराथन बैठक की। दरअसल, कांग्रेस ने मिशन यूपी के लिए प्रियंका गांधी को एक खास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भेजा है। यूपी में एक अदद चेहरे की तलाश कर रही कांग्रेस ने अब प्रियंका गांधी को सामने किया है । प्रियंका 2022 के विधानसभा में कांग्रेस का चुनावी चेहराहोंगी।इस बात की तस्दीक रोड शो के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकताओं को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा, 'मुझे यूपी चाहिए।जब तक यूपी नहीं मिलेगा मैं चैन से नहीं बैठेंगा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार हो, यह जिम्मेदारी आप दोनों (प्रियंका और ज्योतिरादित्य) की है।' राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सामने लोकसभा का चुनाव है. मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य से कहा है कि इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन होना चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार भी बननी चाहिए. इनका लक्ष्य लोकसभा जरूर है, मगर इनका उद्देश्य विधानसभा में कांग्रेस की सरकार बनाने का है। हम यहां पर फ्रंट फुट पर खेलेंगे. जब तक यहां कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं बनेगी, तब तक सिंधियाजी, प्रियंका और मैं चैन से नहीं बैठेंगे।ये होगा प्रियंका का प्लान? दरअसल प्रियंका गांधी के जिम्मे पूर्वी उत्तर प्रदेश की 42 लोकसभा सीटें हैं. कांग्रेस ने प्रियंका के प्लान को लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार किया है। इसके तहत पहले वह कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी का चयन करेंगीं. उसके बाद प्रचार की कमान संभालेंगी.सूत्रों के मुताबिक, इतने कम समय में प्रियंका गांधी क्या करिश्मा करेंगी? इस पर भी सभी की निगाह होगी। लिहाजा कांग्रेस उनके स्टारडम को बचाने की कोशिश भी कर रही है। यही वजह है कि राहुल गांधी उन्हें 2022 का चेहरा बता रहे हैं । प्रियंका की कोशिश होगी कि वे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर बढ़ाने के साथ ही सीटों की संख्या भी बढ़ाएं.इसके लिए प्रियंका गांधी सबसे पहलेयूपी में हाशिए पर पहुंच चुके संगठन को मजबूत करने की कोशिश करेंगी। प्रियंका अपने संगठन क्षमता का परिचय अमेठी और रायबरेली में दे चुकी हैं। लिहाजा खाटी कांग्रेसियों को लगता है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के परंपरागत मतदाता दलितों, मुस्लिमों और अगड़ों को अपने साथ जोड़ेगी। दरअसल, प्रियंका के लिए यूपी में करिश्मा किसी चुनौती से कम नहीं है।1984 में कांग्रेस यूपी की सिर्फ दो सीटें हारी थी और 2014 में मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी ही जीते थे।403 सदस्यों वाली विधानसभा में सिर्फ 7 विधायक हैं, साथ ही विपक्ष से भी मनभेद है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में प्रियंका के स्टारडम की भी अग्निपरीक्षा होगी। मकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश होगी प्रियंका को न सिर्फ केंद्र और प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी से चनौती मिल रही है बल्कि सपा-बसपा गठबंधन भी चौती है। पिछले विधानसभा चुनावों में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था, लेकिन अब 'यूपी के लड़के अलग-अलग राह पर हैं।
प्रियंका गांधी का यूपी में 'विनिंग प्लान'?