रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस झारखण्ड की राजधानी रांची में 40 हजार लोगों के बीच योगाभ्यास किया। इस अवसर पर झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास और कई वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री के मौजूद रहे। योगाभ्यास से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करने हुए कहा कि अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है। मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है। मोदी ने कहा कि आज के बदलते हुए समय में, Illness से बचाव के साथ-साथ Wellness पर हमारा फोकस होना जरूरी है। यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है। योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं। मोदी ने कहा कि योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है। योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि Drawing rooms से Board Rooms तक, शहरों के Parks से लेकर Sports Complexes तक, गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पूरे देश और दुनिया को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी।
दुनियाभर में मनाया जा रहा योग दिवस, मोदी बोले- धर्म और जाति से ऊपर है योग