नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह और बढ़ाने का प्रस्ताव और राज्य के जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ दिए जाने संबंधी विधेयक को लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि इस साल के उत्तरार्द्ध में जम्मू कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में इस विधेयक को रखते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में स्थाई शांति एवं कानून व्यवस्था कायम करने के लिए आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की कार्रवाई जारी रहेगी। शाह ने कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन एवं राष्ट्रपति शासन के दौरान एक साल में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई गई है और सरकार आतंकवाद का जड़ से सफाया करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस साल के उत्तरार्द्ध में जम्मू कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे। सरहद की सुरक्षा एवं जनता का कल्याण जम्मू कश्मीर के लिए सरकार के प्रमुख लक्ष्य हैं। शाह ने रक्षामंत्री एवं पिछली सरकार में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिंह ने राज्य की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जो भी फैसले लिए थे, उन्हें उनकी निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर में अक्टूबर के बाद होंगे चुनाव : अमित शाह