चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख एवं बलात्कार-हत्या मामले में दोषी गुरमीत राम रहीम के पैरोल आवेदन पर निर्णय राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। खट्टर ने यहां कहा, ''जो कोई भी पैरोल के लिए हकदार है वह मांग सकता है। हम किसी को भी रोक नहीं सकते।'' उन्होंने यह बात उस संवाददाता सम्मेलन में कही जिसमें इनेलोविधायक जाकिर हुसैन और परमिंदर ढुल भाजपा में शामिल हुए। यह पूछे जाने पर कि उस स्थिति में कौन जिम्मेदार होगा जब यदि डेरा प्रमुख को पैरोल प्रदान करने पर हिंसा भड़क जाए, खट्टर ने कहा, ''आप स्वयं ही निष्कर्ष निकाल रहे हैं जैसे कोई निर्णय कर लिया गया है।'' बलात्कार के दो मामलों और एक पत्रकार की हत्या मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद हरियाणा के रोहतक जिले के सुनरिया जेल में बंद राम रहीम ने सिरसा जिले में अपने खेतों की देखभाल के लिए 42 दिन के पैरोल का अनुरोध किया है। 51 वर्षीय राम रहीम डेरा अनुयायी रंजीत सिंह की हत्या मामले में भी सुनवायी का सामना कर रहा है। इसके साथ ही उस पर अनुयायियों को नपुंसक बनाने का भी एक मामला चल रहा है। राम रहीम को जेल अधीक्षक से एक अनुकूल रिपोर्ट मिली है जिन्होंने कहा कि उसका आचरण अच्छा है और उसने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। इससे पहले दिन में सिरसा के उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि चीजें प्रक्रिया में हैं तथा राजस्व एवं पुलिस विभागों से रिपोर्ट मांगी गई हैं। गर्ग ने कहा, ''अभी सिर्फ इतना कह सकता हूं कि चीजें प्रक्रिया में हैं।'' मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि किसी भी पैरोल अर्जी में विधिक, प्रशासनिक और अन्य प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। उन्होंने कहा कि पैरोल की अर्जी जेल अधीक्षक के समक्ष दायर की जाती है जो उसे संबंधित उपायुक्त को अग्रेषित करता है। उसके बाद पुलिस अधीक्षक से एक रिपोर्ट मांगी जाती है और अंत में मंडल आयुक्त द्वारा सिफारिश की जाती है।
उन्होंने कहा कि मंडल आयुक्त की सिफारिश मिलने के बाद जरूरी होने पर सरकार अपनी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ''यदि सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी, वह नहीं निभाएगी।'' खट्टर ने कहा, ''ऐसा निर्णय किया जाएगा जो कि राज्य के हित में हो। यदि हमें (सरकार) ऐसा कोई निर्णय करना हो जो कि राज्य के हित में नहीं हो तो वह नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ''हमने (पैरोल मुद्दे पर) अभी तक तक कोई निर्णय नहीं किया है।'' खट्टर ने कहा कि पैरोल मुद्दा डीसी..एसपी स्तर पर है और सिरसा एसपी या डीसी अपनी रिपोर्ट कब सौंपेंगे, इसकी कोई समयसीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट सौंपे जाने पर एक चीजें आगे बढ़ेंगी। सोमवार को सिरसा में पुलिस ने कहा कि वह अर्जी के गुणदोष के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। जिले के एक पुलिस अधिकारी ने पहले कहा था कि राजस्व विभाग यह पता लगाएगा कि डेरा प्रमुख के पास कितनी जमीन है। डेरा का मुख्यालय सिरसा में ही है। अधिकारियों ने बताया कि सिरसा जिला प्रशासन को रोहतक मंडल आयुक्त को एक रिपोर्ट देने को कहा है कि जिसकी एक प्रति जेल अधीक्षक को भी उल्लेखित हो। राम रहीम के मामले में रोहतक आयुक्त को पैरोल अनुरोध पर निर्णय करने में राज्य सरकार की शक्तियों का इस्तेमाल करने का अधिकार है। कोई भी निर्णय करने से पहले सिरसा जिला प्रशासन की सिफारिश ध्यान में रखी जाएगी।