येरुशलम, एजेंसी। इस्राइल में इन दिनों सैनिक बुलडोजर लेकर येरुशलम में फलस्तीनियों के घर गिराने में जुटे हुए हैं। तमाम अंतरराष्ट्रीय दबावों और आलोचनाओं के बावजूद इस्राइल ने पूर्वी येरुशलम के बाहरी इलाकों में फलस्तीनियों के गावों को तहस-नहस करना शुरू कर दिया है। लोगों को बाहर निकाल घरों को गिराने की ये कार्रवाई इस्राइल को बांटने वाली दीवार के बेहद करीब बसे सुर बहेर क्षेत्र में की जा रही है। यूरोपीय संघ ने जहां इसकी निंदा की है, वहीं इस्राइल कार्रवाई करने पर अड़ा हुआ है।
दरअसल, इस्राइल लंबे समय से दावा करता रहा है कि सुर बहेर क्षेत्र की जिन इमारतों को सैन्य कार्रवाई की मदद से गिराया जा रहा है, वह फलस्तीनी क्षेत्र में बनी हुई हैं। ये रिहायशी घर, इस्राइल को बांटने वाली दीवार के बेहद करीब हैं। सुर बहेर का ये इलाका वेस्ट बैंक तक फैला हुआ है। इस्राइल के दावों के विपरीत इन रिहायशी भवनों में रहने वाले लोगों का दावा है कि उनके घर वेस्ट बैंक की जमीन पर बने हैं। घर बनाने से पहले फलस्तीनी प्रशासन ने उन लोगों को बकायदा मंजूरी दी थी।
येरुशलम, एजेंसी। इस्राइल में इन दिनों सैनिक बुलडोजर लेकर येरुशलम में फलस्तीनियों के घर गिराने में जुटे हुए हैं। तमाम अंतरराष्ट्रीय दबावों और आलोचनाओं के बावजूद इस्राइल ने पूर्वी येरुशलम के बाहरी इलाकों में फलस्तीनियों के गावों को तहस-नहस करना शुरू कर दिया है। लोगों को बाहर निकाल घरों को गिराने की ये कार्रवाई इस्राइल को बांटने वाली दीवार के बेहद करीब बसे सुर बहेर क्षेत्र में की जा रही है। यूरोपीय संघ ने जहां इसकी निंदा की है, वहीं इस्राइल कार्रवाई करने पर अड़ा हुआ है।
दरअसल, इस्राइल लंबे समय से दावा करता रहा है कि सुर बहेर क्षेत्र की जिन इमारतों को सैन्य कार्रवाई की मदद से गिराया जा रहा है, वह फलस्तीनी क्षेत्र में बनी हुई हैं। ये रिहायशी घर, इस्राइल को बांटने वाली दीवार के बेहद करीब हैं। सुर बहेर का ये इलाका वेस्ट बैंक तक फैला हुआ है। इस्राइल के दावों के विपरीत इन रिहायशी भवनों में रहने वाले लोगों का दावा है कि उनके घर वेस्ट बैंक की जमीन पर बने हैं। घर बनाने से पहले फलस्तीनी प्रशासन ने उन लोगों को बकायदा मंजूरी दी थी। वहीं मामले में संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस्राइल में सेना द्वारा गिराई जा रहीं इमारतों में रहने वाले 20 से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया जा चुका है। अभी 350 से ज्यादा प्रॉपर्टी मालिक और प्रभावित होंगे। फलस्तीन के सिविल अफेयर डिपार्टमेंट के प्रमुख हुसैन अल-शेख ने इस्राइल की ओर से उठाए गए कदम को आपराधिक करार दिया है। साथ ही मामले में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार भी लगाई है।
पूर्वी येरुशलम और वेस्ट बैंक के हिस्सों पर इस्राइल का 1967 से कब्जा है। इस्राइल ने उस वक्त युद्ध के दौरान ही यहां कब्जा जमा लिया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनो हिस्सों को मान्यता दे रखी है। वहीं वेस्ट बैंक में रहने वाले फलस्तीनी नागरिक पूर्वी येरुशलम और गाजा पट्टी को मिलाकर एक देश बनाना चाहते हैं। इसे देखते हुए वर्ष 2000 में इस्राइल ने कहा था कि फलस्तीनी आत्मघातियों को इस्राइल तक पहुंचने से रोकने के लिए उसे वेस्ट बैंक में विभाजन की दीवार खड़ी करनी है। वहीं फलस्तीनियों का दावा है कि ये जमीन हड़पने के लिए इस्राइल की चाल है। अदालत में पेश दस्तावेजों के मुताबिक गांवों को विभाजित होने या किसी अन्य परेशानी से बचाने के लिए स्थानीय लोगों से समझौतों के बाद इस्राइल ने वेस्ट बैंक के अंदर निर्माण कार्य किया था। सुर बहेर भी ऐसा ही एक क्षेत्र है। वहीं स्थानीय लोगों इस्राइल के इस दावे को गलत बताते हैं। स्थानीय लोगों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पूर्वी येरुशलम में इस्राइल से निर्माण परमिट लेना संभव नहीं है। फलस्तीनी प्राधिकरण से अनुमति के बाद वेस्ट बैंक के आसपास के गांव में निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वहीं निर्माण कार्य ध्वस्त करा रही इस्राइली सेना का कहना है कि उनके द्वारा पहले भी निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया जा चुका था। विभाजन क्षेत्र के पास ऊंची इमारतों को बनाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। लोगों ने आदेशों को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य किया है। इसलिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।