नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस खेमे में उठा पटक की स्थिति बनी हुई है। चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अध्यक्ष पद के काबिल नेता की तलाश कर रहे थे और शुरुआत दौर में पूर्व रक्षामंत्री एके एंटोनी, केसी वेणुगोपाल और फिर अशोक गहलोत का नाम सामने आ रहा था हालांकि इन नेताओं द्वारा पद स्वीकार न किए जाने के बाद वरिष्ठ नेता लगातार चेहरे की तलाश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस पार्टी को संगठन स्तर पर दोबारा मजबूत करने के लिए अब पार्टी को नया चेहरा मिल गया है। बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद ने अध्यक्ष पद के लिए चल रही तलाश को समाप्त कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी के नए अध्यक्ष सुशील कुमार शिंदे होंगे। हालांकि अभी इस बात की औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है। क्योंकि एक बार और कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री राहुल गांधी को मनाने का प्रयास करेंगे। नाम न लिए जाने की शर्त पर कांग्रेस सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी के उत्तराधिकारी का नाम पर वरिष्ठ नेताओं में सहमति बन गई है जो कि सुशील कुमार शिंदे हैं और शिंदे जल्द ही राहुल गांधी से मुलाकात भी करने वाले हैं। जिसको लेकर राहुल गांधी ने मंजूरी दे दी है।
राहुल गांधी नहीं मानने वाले
राहुल गांधी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुना जाएगा और इस बात को राहुल लगातार दोहरा रहे हैं। जबकि पार्टी का हर एक नेता राहुल को पुनर्विचार करने की हिदायत दे चुका है। बीते दिनों राहुल द्वारा यह कहे जाने पर कि उनके इस्तीफा देने के बाद किसी ने भी हार की जिम्मेदारी लेना सही नहीं समझा, के बाद से अब तक करीब 200 नेताओं ने पद से इस्तीफा दे दिया।
कौन हैं सुशील कुमार शिंदे
सुशील कुमार शिंदे का नाम नए कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सामने आ रहा है। वह कांग्रेस पार्टी के जाने माने दलित नेता हैं। हालांकि, इस बार के लोकसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। मनमोहन सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके शिंदे पंद्रहवीं लोकसभा में महाराष्ट्र से सांसद थे। उसके पहले साल 2003 में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे जबकि 2004 से 2006 तक आंध्रप्रदेश के राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किए गए। इतना ही नहीं गांधी परिवार पिछले दो दशकों से शिंदे को लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपता आया है और वह काफी करीबी भी माने जाते हैं।
पार्टी ने जब महाराष्ट्र में नेतृत्व का संकट आया तो शिंदे को मुख्यमंत्री बना कर भेज दिया और शिंदे के नेतृत्व में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। लेकिन पार्टी ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की जगह पर आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया। इसके बावजूद शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के फैसले को स्वीकार किया और आंध्रप्रदेश चले गए। जब केंद्र में तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल की छुट्टी हुई तो सोनिया गांधी ने शिंदे को दिल्ली बुलाकर गृहमंत्री बना दिया था। यही नहीं इससे पहले सोनिया गांधी ने शिंदे को उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया था और उस वक्त शिंदे का मुकाबला राजग के उम्मीदवार भैरों सिंह शेखावत से हुआ था। इतना ही नहीं सुशील कुमार शिंदे पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और उनके भाई राहुल गांधी के भी बेहद करीबी माने जाते हैं और अगर शिंदे पार्टी अध्यक्ष नियुक्त हो गए तो उसका असर महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।