नयी दिल्ली। कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।कांग्रेस के सदस्य कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर, जबकि सपा और बसपा के सदस्य सोनभद्र में आदिवासियों की सामूहिक हत्या तथा राजद के सदस्य भीड़ हिंसा के मामले में चर्चा कराने की मांग कर रहे थे।दोपहर बारह बजे सदन की बैठक शुरु होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरु कराया लेकिन विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी। हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरु हुआ लेकिन लगभग दस मिनट के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा और आप के सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरु कर दी। उपसभापति ने सदस्यों से शांति बनाये रखते हुये प्रश्नकाल होने देने की अपील की। नारेबाजी कर रहे सदस्यों के नहीं मानने पर उपसभापति ने लगभग सवा 12 बजे सदन की बैठक दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी। हंगामा कर रहे दलों के कुछ सदस्यों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की थी। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता ने भारी शोरगुल के बीच हो रहे प्रश्नकाल को लेकर व्यवस्था का प्रश्न उठाने की मांग की, लेकिन उपसभापति ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे पहले सुबह, उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन का जिक्र किया और दिवंगत आत्मा के सम्मान में सदस्यों ने दिवंगत आत्मा को मौन श्रद्धाजलि दी।इसके बाद सभापति नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कहा कि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें कई नोटिस मिले हैं और उन्होंने उन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया है। कांग्रेस के सदस्य कर्नाटक के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे वहीं तृणमूल कांग्रेस और वाम दल के सदस्य भीड़ द्वारा हत्या व दलितों के उत्पीड़न जैसे मुद्दे उठाने की मांग कर रहे थे। सभापति ने कहा कि कर्नाटक मुद्दा उच्चतम न्यायालय में लंबित है और इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में है। दोनों पक्ष अदालत गए हैं। उस पर यहां कैसे चर्चा हो सकती है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और सदन में शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों को अन्य सदस्यों के अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए। सभापति ने कहा कि शून्यकाल के तहत 20 मुद्दे उठाए जाने हैं। उन्होंने सदस्यों से सदन में नारेबाजी नहीं करने की अपील की। इस अपील का असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विभिन्न मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामें की वजह से रास की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित