दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनावको ध्यान में रखकर आम आदमी पार्टी(आप) ने जनता के बीच सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी नेतृत्व की तैयारी है, यदि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के साथ दिल्ली में भी चुनाव होता है, तो सियासी तौर पर कमजोर नहीं रहे। गोपाल राय ने 'सान्ध्य टाइम्स' को बताया कि अभी दिल्ली में 'आप' के कई बागी विधायक हो गए हैं। चुनाव में इनसे खतरा हो सकता है। अगले चुनाव में पार्टी के लिए एक-एक सीट काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में, जिन क्षेत्रों में विधायकों ने पार्टी से दूरी बना ली है, वहां संगठन के बड़े पदाधिकारियों को प्रचार और जनहित से जुड़े काम कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोकसभा चुनाव में सातों सीटों पर मिली हार के बाद 'आपका विधायक, आपके द्वार' कैंपेन शुरू किया, जिसके तहत क्षेत्र में एमएलए घूम-घूम कर जनता की समस्याएं सुन रहे हैं। इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने मंगाई है।
बागियों का कैंपेन जारी
'आप' के खिलाफ आवाज उठा रहे बागी विधायक भी खुद अपने क्षेत्रों में मेहनत कर रहे हैं। रोजाना अपने क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याओं को सुन रहे हैं। यदि किन्हीं कार्यों में अड़चन आ रही है, तो दिल्ली सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं। बागी विधायकों को आस है कि अगले चुनाव में बीजेपी का टिकट मिलेगा, जबकि एक विधायक निर्दलीय लड़ने की तैयारियों में है।
इनका टिकट कटना तय
बागी विधायक ---- विधानसभा
कपिल मिश्रा ---- करावल नगर
संदीप कुमार ---- सुलतानपुर माजरा
अनिल बाजपेयी ---- गांधी नगर
कर्नल देवेंद्र सेहरावत ---- बिजवासन
अलका लांबा ---- चांदनी चौक
समीक्षा के बाद तय होंगे टिकट
'आप' ने लोकसभा चुनाव से काफी पहले अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में इतनी जल्दी नहीं है। गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली सरकार के कामकाजों को मौजूदा विधायक अपने इलाकों में पहुंचा रहे हैं। संगठन से जुड़े वॉलिंटियर्स, विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष और लोकसभा प्रत्याशियों की रिपोर्ट पर समीक्षा होगी। जिनका परफोर्मेंस ठीक नहीं होगा, उसका टिकट जरूर कटेगा।