गाजियाबाद के इंदिरापुरम में अंधाधुंध अवैध निर्माण कर कुछ ही वर्षों में बिल्डरों ने करीब दो हजार फ्लैट जीडीए से स्वीकृत नक्शे के विपरीत खड़े कर दिए। जीडीए की जांच में खुलासा हुआ है कि 271 भूखंडों पर स्वीकृत नकशों से ज्यादा निर्माण कर करीब दो हजार यूनिट अतिरिक्त बना दी गई हैं। जीडीए ने प्रशासन को पत्र लिखकर ऐसी यूनिट की रजिस्ट्री पर रोक लगाने तथा निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर करानी शुरू कर दी हैं। बीते दिनों 9 बिल्डरों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई।
इंदिरापुरम के न्यायखंड-1, न्यायखंड-2, शक्ति खंड-3 और ज्ञानखंड-1 में अंधाधुंध अवैध निर्माण हुए हैं। कई भूखंड बराबर में ऐसे हैं जहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण किए गए। जीडीए का प्रवर्तन विंग की लापरवाही की वजह से अवैध निर्माण होने के बाद अब रजिस्ट्री पर रोक, एफआईआर की कार्रवाई हो रही है। जबकि इन फ्लैटों के खरीदारों की रातों की नींद उड़ी हुई है। यदि जीडीए समय रहते अवैध निर्माण पर अंकुश लगाता तो लोगों की गाढ़ी कमाई फंसने से बच जाती। जीडीए ने इंदिरापुरम में अवैध निर्माण के मामले में 9 बिल्डरों के खिलाफ थाने में मुकदमा भी बीते दिनों दर्ज कराया है। जीडीए का कहना है कि आने वाले दिनों में अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी केस दर्ज कराया जाएगा। बीते दिनों जीडीए की कार्रवाई का विरोध करते हुए बिल्डरों ने जीडीए के बाहर प्रदर्शन भी किया था।
271 भूखंडों पर हुए अवैध निर्माण : जीडीए की जांच में इंदिरापुरम में ऐसे 271 भूखंड पाए गए जिनमें मानचित्र से स्वीकृत यूनिटों से ज्यादा यूनिटों का निर्माण किया गया है। बिल्डरों ने करीब 1200 यूनिटों का नक्शा पास कराकर करीब 3200 यूनिट खड़ी कर दीं। यहां तक कि 350 वर्गमीटर के भूखंड पर 7 फ्लैट का नक्शा पास कराकर 20 फ्लैट तक बना दिए गए।
''प्रशासन को फ्लैटों की सूची मुहैया कराई गई है। अवैध निर्माण करने वाले सभी बिल्डरों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।'' -कंचन वर्मा, जीडीए वीसी
''रजिस्ट्री के लिए आए दस्तावेज को रोकना मुश्किल है। क्योंकि हमारे पास रजिस्ट्री रोकने के लिए कोई शासनादेश नहीं है।'' -केके मिश्रा, एआईजी स्टांप