इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कश्मीर के मुद्दे पर भारत की जमकर आलोचना की। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हर मंच पर नाकाम रहने के बाद दुनियाभर से पाकिस्तान पर बन रहे दबाव के बीच इमरान ने इस्लामाबाद स्थित अपने ऑफिस में न्यूयाॅर्क टाइम्स काे इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा, ''अब मैं भारत से कोई चर्चा नहीं करूंगा, क्योंकि बातचीत के लिए कुछ बचा ही नहीं है।''
इमरान ने कहा, ''बातचीत के लिए मैं हर मुमकिन कोशिश कर चुका हूं। अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो लगता है कि जब मैं वार्ता और शांति की कोशिश कर रहा था, तो भारत ने इसे तुष्टिकरण की कोशिश के तौर पर लिया। अब बातचीत का सवाल ही नहीं उठता है।''
- कश्मीर में खराब हालात होने का दावा करते हुए इमरान ने कहा कि भारत सरकार कश्मीर में एक पूरे समुदाय को खत्म करने पर आमदा है। कश्मीर को पूरी तरह से बाकी दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया है। कश्मीर में रहने वाले करीब 80 लाख लोगों का जीवन खतरे में है। हालत यह है कि यहां लोगों को अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। चाहता हूं कि दोनों मुल्कों में अमन बहाली हो। लेकिन, मेरी कोशिशों का इस्तेमाल भारत ने कुछ लोगों को खुश करने में किया।
- लिहाजा, दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों में युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फासीवादी और हिंदूवादी करार देते हुए आरोप लगाया कि वह कश्मीर की मुस्लिम बहुल आबादी का सफाया कर उसे हिंदू बहुल इलाके में तब्दील कर देना चाहते हैं। मेरी चिंता यही है कि कश्मीर के हालात से तनाव बढ़ सकता है। दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न है इसलिए दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए कि हम किन हालात का सामना कर रहे हैं।
भारत-पाक के बीच जंग का खतरा बढ़ता जा रहा
इमरान खान ने कहा कि भारत कश्मीर में नरसंहार जैसा कुछ कर सकता है। यहां एक पूरी नस्ल को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। ऐसे में भारत अपने एक्शन को सही ठहराने के लिए यहां कोई ऑपरेशन चला सकता है। ऐसे हालात में दोनों देशों के बीच जंग का खतरा बढ़ता जा रहा है।
आतंक के खिलाफ पाकिस्तान ठोस कार्रवाई करे: श्रृंगला
इमरान की आलोचना को अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, 'हमारा अनुभव रहा है कि जब-जब हमने शांति की तरफ कदम आगे बढ़ाया, हमारे लिए बुरा साबित हुआ। हम पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।'