दलबदल पर राजनेताओं को गडकरी की नसीहत, जहाज से कूदते चूहे जैसा ना करें बर्ताव

राजनीति के सबसे प्रचलित मुहावरे 'आया राम, गया राम' जहां एक विधायक गयाराम के दलबदल के कारनामे के कारण यह कहावत शुरू हुई। फिर तो राजनीति में दलबदल जैसे एक परंपरा बन गया। लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नेताओं के दलबदल पर सख्त टिप्पणी की है। गडकरी ने किताब की लॉन्चिंग प्रोग्राम में कहा कि किसी नेता को एक विचारधारा पर टिके रहना चाहिये और डूबते जहाज से कूदते चूहों की तरह पार्टी बदलने से बचना चाहिये। गडकरी ने कहा, मुझे लगता है कि नेताओं को स्पष्ट रूप से राजनीति का अर्थ समझना चाहिये। राजनीति महज सत्ता की राजनीति नहीं है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, पंडित जवाहर लाल नेहरू और वीर सावरकर जैसे नेता सत्ता की राजनीति में शामिल नहीं थे।गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश की राजनीति में एनसीपी और कांग्रेस छोड़ सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना में लगातार नेताओं की एंट्री हो रही है। ऐसे वक्त में लोकमत समूह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 'पॉलिटिकल आइकन ऑफ विदर्भ' किताब की लॉन्चिंग प्रोग्राम में गडकरी ने चुनावी मौसम में नेताओं की दलबदली पर यह टिप्पणी की।