दो करोड़ रुपये के लिए पाकिस्तान ने बहरीन के राजा को विलुप्त हो रही सोन चिरैया के शिकार की दी अनुमति

पाकिस्तान की इमरान सरकार एक बार विवादों में घिर गई है। इसके पीछे की वजह है- कतर के बाद बहरीन के राजा और पांच अन्य शाही परिवार के सदस्यों को 100-100 पक्षियों के शिकार की मंजूरी दी गई है। 
पाकिस्तान में संरक्षित पक्षी होऊबारा बस्टर्ड (सोन चिरैया) को लुप्तप्राय माना गया है। इसके शिकार पर भी पाबंदी है, इसके बावजूद सरकार द्वारा शाही परिवार को शिकार की मंजूरी देने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। इमरान सरकार को इन बेजुबान मेहमान परिंदों के शिकार के एवज में करीब दो करोड़ रुपए मिलेंगे।  


'डॉन' ने अपनी एक खबर में सूत्रों के हवाले से बताया कि विदेश मंत्रालय के उप-प्रमुख प्रोटोकॉल मोहम्मद अदील परवेज ने 2019-20 में शिकार के लिए परमिट जारी किए हैं। यह परमिट बहरीन के राजा शेख हमद बिन ईसा बिन सलमान अल खलीफा, उनके चाचा शेख इब्राहीम, उनके रिश्ते के भाई (जो उनके गृह मामलों के मंत्री भी हैं) लेफ्टिनेंट जनरल शेख राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा और राजशाही के अन्य प्रभावशाली लोगों को दी गई है।


खबर के अनुसार सिंध प्रांत में जमशोरो जिला सहित थाने बुला खान, कोटरी, मानझंद और सेहवन तहसील में शिकार की अनुमति दी गई है। उसने कहा कि शिकारियों में एक नवंबर 2019 से 31 जनवरी 2010 के बीच तीन महीने में 10 दिन की सफारी में होऊबारा बस्टर्ड (सोन चिरैया) का शिकार करने की अनुमति दी गई। यह अनुमति व्यक्ति विशेष है। 


इसके विलुप्त होने के कारण इस प्रवासी पक्षी को ना केवल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संधियों के तहत संरक्षित किया जाता है, बल्कि इसके शिकार पर स्थानीय वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत भी प्रतिबंध है। पाकिस्तानियों को भी इस पक्षी के शिकार की अनुमति नहीं है।


ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में इस तरह की अनुमति पहली बार दी गई है। इससे पहले पाकिस्तान में पूर्ववर्ती सरकारें भी खाड़ी के अन्य देशों के शाही परिवारों को सोन चिरैया के शिकार की इजाजत देती रही हैं। 


इम मुद्दे पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इमरान खान जब विपक्ष में थे, तब उन्होंने इनके शिकार की मंजूरी देने को राष्ट्रीय शर्म करार दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत की सरकारों को शाही मेहमानों की खिदमत के लिए विशेष दिशा-निर्देश और परमिट जारी किए हैं। राज्य सरकारों को कहा गया है कि शाही परिवार के सदस्यों को हर तरह की सुख-सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।