वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग पर सुनवाई के दौरान निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की जांच कमेटी ने उन्हें दोषी पाया है। जांच कमेटी ने मंगलवार को ट्रम्प के खिलाफ चल रही महाभियोग जांच की अंतिम रिपोर्ट जारी की। इसमें ट्रम्प को अपने पद के दुरुपयोग का दोषी पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रपति के कदाचार के मजबूत सबूत हैं। हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्ज में डेमोक्रेट्स का बहुमत है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रम्प ने निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी। जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा, “ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव की अखंडता को कमजोर किया। साथ ही उन्होंने अपने पद की शपथ का भी उल्लंघन किया। उन्होंने अमेरिका की संवैधानिक प्रणालियों जैसे जांच और संतुलन, शक्तियों का पृथक्ककरण और कानून के नियमों को चुनौती दी।”
व्हाइट हाउस ने जांच रिपोर्ट को खारिज किया
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी स्टीफनी ग्रीशम ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया और कहा कि ट्रम्प पर लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, “एकतरफा प्रक्रिया में जांच कमेटी ट्रम्प के खिलाफ साक्ष्य उपलब्ध कराने में विफल रही। इस रिपोर्ट से सिर्फ कुंठा ही झलकती है।”
आगे क्या होगा?
बीते कई हफ्तों से ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग मामले में गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और सार्वजनिक सुनवाई हो रही है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्ज में सुनवाई पूरी होने के बाद सदन में वोटिंग होगी। वोटिंग में ट्रम्प के खिलाफ बहुमत आने पर मामला उच्च सदन यानी सीनेट में जाएगा। सीनेट में इस पर वोटिंग होगी। चूंकि सीनेट में रिपब्लिकन बहुमत में हैं। ऐसे में ट्रम्प पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया संभव नहीं।
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमर जेलेंस्की पर डेमोक्रेट नेता जो बिडेन और उनके बेटे हंटर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच कराने के लिए दबाव बनाया था। एक व्हिसलब्लोअर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, ट्रम्प कह चुके हैं कि वे जेलेंस्की के साथ फोन कॉल में हुई बातचीत का ब्योरा देने के लिए तैयार हैं।