झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत: भाजपा के रघुवर-लक्ष्मण दोनों हारे, लेकिन झामुमो की सीता जीत रहीं

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझान में झामुमो-कांग्रेस महागठबंधन को बहुमत मिल रहा है। रुझानों के आते ही गठबंधन के मुख्यमंत्री कैंडिडेट हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे, उनका आशीर्वाद लिया और साइकिल भी चलाई। इसके बाद हेमंत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज का दिन जनता के सपनों को पूरा करने के संकल्प का दिन है। उन्होंने कहा कि यह परिणाम पिता शिबू सोरेन के समर्पण और परिश्रम का परिणाम है। हेमंत ने बेरहट और दुमका दोनों सीटों पर चुनाव जीत लिया है। उधर, मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने ही पूर्व सहयोगी सरयू राय से 10 हजार से ज्यादा वोटों से पिछड़ गए हैं। रघुवर के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ भी चक्रधरपुर सीट से हार गए हैं। लेकिन, झामुमो से जामा विधानसीट पर उतरी सीता मुर्मू जीत के करीब हैं। सीता हेमंत सोरेन की भाभी हैं। 


81 विधानसभा सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 का आंकड़ा चाहिए और महागठबंधन को 46 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है। भाजपा 25 सीटों पर आगे है। प्रदेश में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक 5 चरणों में वोट डाले गए थे। कुल 65.23% वोटिंग हुई थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां 66.6% वोट डाले गए थे। आखिरी चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद पांच एक्जिट पोल सामने आए। इनमें कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन के सत्ता हासिल करने का अनुमान जाहिर किया गया था।


आज जनता के उत्साह का दिन- हेमंत सोरेन



  • हेमंत सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'साथियों, आज झारखंड प्रदेश का 40 दिन की चुनावी यात्रा का आज अंतिम दिन है। आज मतगणना चल रही है। अभी तक मतगणना का जो रुझान आया है, उसमें जनता ने जो जनादेश दिया है, वह स्पष्ट है। मैं मतदाताओं का आभार प्रकट करता हूं।'

  • उन्होंने कहा- झारखंड की जनता के लिए उत्साह का दिन है। मेरे लिए आज का दिन एक संकल्प लेने का दिन है। इस राज्य की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प लेने का दिन है। आज का यह जनादेश शिबू सोरेन जी के परिश्रम और समर्पण का परिणाम है।

  • 'कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर हमने यह चुनाव लड़ा। लालू यादव, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को मैं आभार देना चाहता हूं। सभी ने मेरे ऊपर विश्वास जताया और राज्य की जनता ने भी हमें स्पष्ट बहुमत दिया है।'

  • सोरेन बोले- आज एक राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। ये मील का पत्थर साबित होगा और निश्चित रूप से जिस उम्मीद से हमें वोट दिए गए हैं, मैं भरोसा दिलाता हूं कि उम्मीदें नहीं टूटेंगी। नौजवान, किसान, महिला, व्यापारी, बूढ़े-बच्चे, मजदूरों सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।


दैनिक भास्कर से हेमंत सोरेन ने कहा- लाइन में लगाने की आदत से भाजपा ने सत्ता खोई


महागठबंधन के मुख्यमंत्री कैंडिडेट और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि भाजपा किसी न किसी बहाने लोगों को लाइन में लगाती रही है, फिर चाहे वह नोटबंदी हो या एनआरसी और सीएए। जनता को लाइन में लगाने की आदत ने भाजपा को सत्ता से बाहर किया।


पांचवीं बार सोरेन परिवार का सदस्य सीएम पद संभालेगा
हेमंत गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री कैंडिडेट हैं। वे मुख्यमंत्री बनते हैं तो सोरेन परिवार का कोई सदस्य पांचवीं बार इस पद को संभालेगा। 2005, 2008 और 2009 में शिबू सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री थे। 2013-14 में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे।


रघुवर के 6 मंत्री हार के करीब
जमेशदपुर पूर्व से मुख्यमंत्री रघुवर दास, दुमका से समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी, रांची से नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, मधुपुर से श्रम मंत्री राज पालीवार, जुगसलाई से जल संसाधन मंत्री और आजसू नेता रामचंद्र सहिस और कोडरमा से शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव पीछे चल रहे हैं।


हॉट सीट
जमशेदपुर पूर्व:
 यहां भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास निर्दलीय सरयू राय से 10 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं। रघुवर 1995 से यह सीट जीतते आ रहे हैं। उधर, रघुवर कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय टिकट न मिलने पर भाजपा से अलग हो गए थे। 
दुमका: यहां भाजपा की लुइस मरांडी, झामुमो के हेमंत सोरेन और झाविमो की अंजुला मुर्मू के बीच मुकाबला था। हेमंत सोरेन ने यह सीट जीत ली है। हालांकि, लुइस मरांडी ने 2014 में मुख्यमंत्री रहते हुए सोरेन को यहां 6 हजार वोटों से हराया था। खास बात यह है कि इस सीट पर प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा की थी।


बरहेट: हेमंत सोरेन यहां भी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के सिमोन मालतो हराया। यह सीट झामुमो का गढ़ मानी जाती है। 30 सालों से यहां झामुमो का कब्जा है। 2014 में हेमंत सोरेन यहां से जीते थे। 


मोदी-शाह ने रैलियां कर 60 सीटें कवर कीं, 40 पर भाजपा पीछे
नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 18 रैलियां कीं। दोनों ने 9-9 रैलियों के जरिए 81 में से 60 सीटों को कवर किया। इनमें से 40 सीटों पर भाजपा पीछे चल रही है। राहुल गांधी और प्रियंका ने गांधी ने मोदी-शाह की तुलना में तीन गुना कम यानी 6 रैलियां कर 24 सीटें कवर की थीं। इनमें से 7 सीटों पर कांग्रेस आगे चल रही है।