चंडीगढ़. फरीदाबाद के सूरजकुंड में एक से 16 फरवरी तक आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला का उद्घाटन एक फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। उदघाटन समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य करेंगे। इस अवसर पर सीएम मनोहर लाल, हिमाचल के सीएम जय राम ठाकुर, उज्बेकिस्तान दूतावास के राजदूत फरहाद आरजिएव भी उपस्थित रहेंगे। पर्यटन मंत्री कंवर पाल ने बताया कि इस बार जहां मेला में पार्टनर-कंट्री उज्बेकिस्तान होगा। वहीं थीम-स्टेट के रूप में हिमाचल प्रदेश हिस्सा लेगा।
सूरजकुंड शिल्प मेला वर्ष 1987 में पहली बार हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।
यह शिल्प मेला पूरे भारत के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक रूप से पर्यटकों को दिखाने में मदद करता है। इस वर्ष सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और ब्रिटिश काउंसिल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और सूरजकुंड मेला पहली बार इंग्लैंड के कलाकारों और शिल्पकारों की मेजबानी करेगा।
30 से अधिक देश लेंगे हिस्सा
30 से अधिक देश इस मेले का हिस्सा होंगे, जिसमें उज्बेकिस्तान ,नेपाल, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान, ट्यूनीशिया, जिम्बाब्वे, बुरूंडी, सेनेगल, जाम्बिया, कोमोरोस, तुर्की, मिस्र, सीरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, श्रीलंका, अर्जेंटीना, नाइजर, ताजिकिस्तान ,बांग्लादेश, लेबनान, घाना, सेशेल्स, इथियोपिया, मोरक्को, फिलिस्तीन, भूटान, युगांडा, आर्मेनिया, मालदीव, सूडान, केन्या और लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो भी शामिल है।
थीम-स्टेट हिमाचल प्रदेश इस मेला में विभिन्न शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करेगा। हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्यों और कला रूपों से लेकर व्यंजनों तक इस साल के मेले का मुख्य आकर्षण होंगे।