वुहान में फंसे सैकड़ों भारतीय, मोदी सरकार उठा सकती है बड़ा कदम


नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। मोदी सरकार ने चीन में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर से 250 से अधिक भारतीयों को बाहर निकालने के लिए कदम उठाने का फैसला किया और इसके संदिग्ध मामलों से निपटने के लिए एहतियातन कई कदम उठाने की घोषणा की।


चीन और कई अन्य देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस संक्रमण से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा की गई।



इस बीच, एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सोमवार तक चीन से 155 उड़ानों में भारत आए कुल 33,552 यात्रियों की जांच की गई। सोमवार को 18 उड़ानों से आए 4,359 यात्रियों की जांच की गई।



गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई एहतियातन कदम उठाने का फैसला किया गया। इसमें नेपाल की सीमा के पास एकीकृत जांच चौकियों के साथ साथ उन अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर लोगों की जांच आरंभ करने का फैसला किया गया जहां चीन से लोग आते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्रालय वुहान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने को लेकर चीनी प्राधिकारियों से अनुरोध करेगा।



चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,744 लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।


बताया जा रहा है कि वुहान में 250 से 300 भारतीय छात्र रहते हैं। बयान में कहा गया है कि नागर विमानन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय क्रमश: परिवहन एवं लोगों को अलग रखने की सुविधाओं का प्रबंध करेगा।



भारत में अभी तक इसके किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन देश में करीब 450 लोगों को निगरानी में रखा गया है जिनमें अधिकतर लोग केरल के है। इनमें से कुछ लोग हाल में चीन से लौटे हैं और उन्होंने चिकित्सकीय प्राधिकारियों से एहतियातन संपर्क किया।



हाल के दिनों में चीन से करीब 436 लोग केरल लौटे हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नए कोरोना वायरस (एनसीओवी) के चपेट में आने की आशंका के मद्देनजर उन्हें निगरानी में रखा गया है।



चीन से मुंबई स्थित अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 18 जनवरी से पहुंचे 3,756 यात्रियों का कोरोना वायरस की आशंका को लेकर चिकित्सा जांच की गई है लेकिन मुम्बई में अब तक इस घातक बीमारी के किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है।



बिहार में सारण जिले की एक निवासी को कोरोना वायरस की आशंका में सोमवार को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया।



इस बीच, पंजाब सरकार ने कहा कि यात्रियों में घातक कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर थर्मल सेंसर लगाए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि सरकार मंगलवार को मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी स्क्रीनिंग सुविधा स्थापित करेगी।



नयी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि के हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग पहले से ही की जा रही है। हैदराबाद में तीन लोगों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है जिन्होंने चीन की यात्रा की थी। हालांकि उनमें इस वायरस के लक्षण नहीं हैं।



चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि तीनों लोगों ने चीन में वायरस के प्रसार को देखते हुए अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें शहर के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल डिजीज’ (फीवर अस्पताल) में भर्ती कराया गया।



चीन से करीब दस दिन पहले लौटे बेंगलुरु के दो बाशिंदो को यहां एक अस्पताल में चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है। विभाग ने बताया कि तीन दिन पहले एक अन्य व्यक्ति को चिकित्सकीय निगरानी के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन उसके कोरोना वायरस के लिए निगेटिव पाये जाने के बाद उसे छुट्टी दे दी गयी।



गोवा सरकार ने कोरोना वायरस के संभावित मामलों पर नजर रखने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि भारत के बाहर के विषाणु से प्रभावित क्षेत्रों से यहां आने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यबल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक काम करेगा।