दिल्ली चुनाव को और अधिक रोचक बनाएगा अंतिम समय में बना समीकरण

दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में है। इसके साथ ही बीते दो हफ्ते में राजधानी के सियासी परिस्थितियों में अचानक बदलाव ने सियासी समीकरण को उलझा दिया है। इस बदलाव के कारण सभी दल अपनी अपनी रणनीति में बदलाव पर मजबूर हुए हैं। आप का चेहरा अरविंद केजरीवाल विक्टिम कार्ड के साथ तो भाजपा पहले की तुलना में ज्यादा आक्रामक हुई है। अब तक शांत दिख रही कांग्रेस ने भी अचानक तेवर दिखाने शुरू किए हैं।अब जबकि चुनाव प्रचार खत्म होने में महज 96 घंटे बचे हैं, तब सियासी दलों ने चुनाव प्रचार तेज करते हुए बदली सियासी परिस्थितियों में अपनी रणनीति का नए सिरे से आकलन शुरू किया है। हर पार्टी की उलझन इसी पर निर्भर है, दिल्ली की आम जनता क्या चाहती है|


शाहीन बाग़ के मुद्दे ने अचानक चुनाव की हवा बदल दी। शुरुआती दौर में आप अपने मुफ्त बिजली-पानी-सफर योजना के कारण बहुत आगे थी। इसी बीच भाजपा के आक्रामक प्रचार से चुनाव में सीएए के खिलाफ शाइन बाग में हो रहा धरना चुनाव प्रचार का मुख्य केंद्र बन गया। इस मुद्दे ने निश्चित रूप से भाजपा को मजबूती दी है।