दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली है। वहीं, भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में कुछ सीटों का फायदा हुआ है, हालांकि, यह इतना ज्यादा नहीं है कि पार्टी का 22 साल का वनवास खत्म हो सके। वहीं, इस चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशजनक रहा है। पार्टी 2015 की तरह ही इस बार भी एक भी सीट नहीं जीत पाई।
कांग्रेस को 2015 की तुलना में काफी नुकसान हुआ। जहां 2019 लोकसभा चुनाव में 22.5% वोट के साथ 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। इस बार पार्टी का वोट% भी काफी कम हुआ है। 2015 में कांग्रेस को 9.2% वोट मिला था, वहीं, इस बार यह 4.2% रह गया।
पार्टी की 67 सीटों पर जमानत जब्त
70 सीटों वाले राज्य में कांग्रेस ने इस बार राजद के साथ चुनाव लड़ा था। राजद को 4 सीटें दी गई थीं। लेकिन गठबंधन की 67 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। सिर्फ पार्टी की तीन सीटों बादली, गांधीनगर, सीलमपुर पर जमानत बच पाई है। कुल वोटों के 1/6 हिस्सा ना मिलने पर प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है।