जर्मन यूनिवर्सिटी के स्टडी में खुलासा: भारत में हवाई यात्रियों से कोरोनावायरस पहुंचने का खतरा


नई दिल्ली. भारत दुनिया के उन 20 देशों में शामिल हैं जहां पर हवाई यात्रियों के जरिए चीन से कोरोनावायरस पहुंचने का खतरा है।  जर्मनी के हमबोल्डट यूनिवसिर्टी और रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के अध्धयन में यह बात सामने आई है।कंप्यूटेशनल और गणितीय मॉडल पर हुए अध्ध्यन के आधार पर यह दावा किया गया है। इसके लिए दुनिया भर के 4000 एयरपोर्ट की 25,000 उड़ानों का विश्लेषण किया गया। अध्धयन में बताया गया है कि भारत के सात एयरपोर्ट से संक्रमित यात्रियों के पहुंचने का खतरा है। इस लिस्ट में मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोच्चि के एयरपोर्ट शामिल हैं।


हवाई यात्रियों के जरिए भारत में कोरोनावायरस फैलने का रिलेटिव इंपोर्ट रिस्क 0.219% है। इसके लिए चीन से भारत या किसी अन्य देश तक सफर करने वाले संक्रमित व्यक्तियों की संभावित संख्या का आकलन किया गया।


व्यस्त फ्लाइट रूटों से संक्रमण का खतरा ज्यादा


हवाई यात्रियों की संख्या के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि वायरस के दूसरे स्थानों पर फैलने का खतरा  कितना है। दरअसल, व्यस्त फ्लाइट रूट पर संक्रमित व्यक्तियों के यात्रा करने की संभावना ज्यादा होगी। इसे ध्यान में रखते हुए जर्मनी के शोधकर्ताओं ने रिलेटिव इंपोर्ट रिस्क का पता लगाया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यह 0.066 %, मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर 0.034% और कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर 0.020 फीसदी आंका गया है।


‘इसे पूर्वानुमान की तरह न लिया जाए’


रिपोर्ट तैयार करने वाले वैज्ञानिकों में से एक डिर्क ब्रोकमैन ने दावा किया है कि इसे पूर्वानुमान की तरह न लिया जाए। कोरोनावायरस अभी अनजान है इसलिए, स्वास्थ्य अधिकारियों और नीति निर्धारकों को अपने स्तर पर निर्णय लेना चाहिए। हालांकि यह रिपोर्ट उन्हें वायरस से निपटने के लिए नीतियां तैयार करने में मददगार हो सकती है।