लोकतंत्र आजादी के बाद नहीं मिला बल्कि यह हमारी पुरातत्व संस्कृति है: लोक सभा अध्यक्ष


गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (ग्रेटर नोएडा)।  गौतमबुद्ध विष्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में चल रहे तीन दिवसीय प्रेरणा विमर्श 2020 विरासत कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। समापन सत्र के अवसर पर राजनैतिक और सिने जगत के प्रबुद्ध चेहरे उपस्थित रहे। भारतीय संस्कृति की विषिश्टता को रेखांकित करते हुए मुख्य अतिथि लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि यह सत्य और सतत् है।  उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति सनातन है और भारतीय संस्कृति केे कारण हमारे देष की विश्व में आज एक विषिश्ट पहचान है।  ‘‘भारतीय संस्कृति मानवीय मूल्यों और भाईचारे का संदेश देती है। भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, यह लोकतंत्र हमारी पुरातत्व संस्कृति है, जो हमारे पास आजादी के पहले से ही विद्यमान है। इस संस्कृति को न मुगल मिटा सके, न अंग्रेज,’’ लोक सभा अध्यक्ष ने कहा।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह संपर्क प्रमुख श्री रामलाल ने वंदे मातरम का नारा लगवाकर समापन समारोह में शामिल प्रबुद्ध जनों में उत्साह भर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीयता और धर्मनिरपेक्षता जैसे विषयों को लेकर भ्रम फैलाया गया है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने धर्म और रिलीजन के भेद को स्पश्ट करते हुए कहा कि दोनों को एक अर्थ में नहीं लिया जा सकता। 


‘‘रिलीजन का आधार पूजा पद्धति है जबकि धर्म में पूजा पद्धति के अतिरिक्त और भी कई विशय सम्मिलित हैं,’’ श्री राम लाल बोले।  सत्र में गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा जी ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति दृश्टिकोण बदलने की आवष्यकता है। सम्मेलनों में केवल महिलाओं की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए। वहां महिला सुरक्षा व समस्या, महिला लेखन के स्तर की चर्चा होनी चाहिए। क्योंकि महिला और पुरुश दोनों ही समाज का बराबर का अंग हैं और भारतीय संस्कृति में भी अदर््धनारीष्वर की परिकल्पना दी गई है। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री श्री महेंद्र सिंह जी ने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व में प्राचीन व विशिष्ट है। हमारे वेद, नदियां हमारी विरासत हैं। हमारे संस्कार, वाणी,  विचार अद्भुत हैं।  अभिनेता गजेंद्र चौहान ने कहा कि जब तक हम अपने देश, अपने समाज को अपना नहीं समझेंगे, तब तक समाज की अव्यवस्था ठीक नहीं हो सकती। ‘‘ये देश मेरा है, बच्चों में ये संस्कार देने की आवष्कता है,’’ गजेंद्र चौहान ने कहा। सत्र के प्रारंभ में केशव संवाद पत्रिका के सिने विमर्श और भारतीय विरासत विशेषांक का विमोचन किया गया। प्रेरणा विमर्श 2020 आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री अणंज त्यागी ने पत्रिका के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर निबंध और पत्रकार प्रतिभा खोज परीक्षा के विजेताओं के साथ ही फिल्म फेस्टिवल के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। निबंध प्रतियोगिता में आईएमएस के आयुश श्रीवास्तव, आईआईएमटी की ऋशिता सिंह और आईएमएस की ष्वेता आर्या को क्रमषः प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया गया। विषेश प्रोत्साहन पुरस्कार दिव्यांग ऋतु श्रीवास्तव को मिला। इसी प्रकार प्रतिभा खोज पुरस्कार वीएनपी मेरठ की अदिति गर्ग, जेआईएमएस की दिषा सिंह और आईएमएस की दिव्या ने प्राप्त किए। लघु फिल्म पुरस्कार के विजेता आईआईएमटी के ऋशिकेष सिंह और अभिशेक षर्मा व आईएमएस की जैनब रहीं। इसी प्रकार वृत्तचि़त्र पुरस्कार पीआईएमएस की ष्वेता दत्ता, आईआईएचएस की ऋतिका बोरा और डीएमई के उत्सव मिश्र ने झटका। महिला पत्रकार सम्मान के लिए पत्र लेखिका अनुपमा अग्रवाल, रेडियो जॉकी रेखा रानी और वरिश्ठ लेखिका अद्वैता काला को चुना गया। तीन दिन के इस आयोजन में हजारों छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की।