निर्दोष मारे गए बेटे की मां बोली, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी में अस्मतुल भी सीएए को लेकर जारी धरने पर बैठी थी। 23 साल का जवान बेटा फैजान अपने काम पर गया हुआ था। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस दिन वह घर लौटेगी तो फैजान को खो चुकी होगी। उसका आरोप है कि उसके बेकसूर बेटे को पुलिस ने मारा है। उस दिन भी वह धरने पर बैठी थी। अचानक इलाके में हिंसा फैल गई और यह खबर अस्मतुल के घर पहुंची तो उसके बेटे फैजान को अपनी मां की चिंता हुई, वह उसी समय काम से घर लौटा था। वह मां को बचाने आया लेकिन उन्हें बचाते-बचाते वह खुद हिंसक के भंवर में फंस गया। मोहम्मद फैजान (23) की मां अस्मतुल ने रोते हुए बताया कि पुलिस ने कर्दमपुरी की पुलिया पर चल रहे धरने पर कार्रवाई शुरू कर दी और फैजान को पकड़ लिया। पुलिस ने उसे बहुत पीटा और इलाज भी नहीं कराया। फैजान के परिवार का यह भी दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल जिस वीडियो में पुलिस 5 लड़कों को कथित रूप से सड़क पर लिटाकर पीट रही है और 'जन-गण-मन' गवा रही है, उसमें एक फैजान भी है। अस्तमुल के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वे रोती जाती हैं और बताती जाती हैं कि मैं सोमवार को धरने पर बैठी हुई थी, मेरा बेटा घर में था। उसे पता चला कि बाहर झगड़ा हो गया है। वह मुझे लेने के लिए कर्दमपुरी पुलिया पर गया था। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए और वहां धुआं छा गया और वह सड़क की तरफ चला गया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने फैजान को बहुत पीटा। उसका 4 और लड़कों के साथ सड़क पर पड़े वीडियो वायरल है जिसमें पुलिस 5 लड़कों को पीट रही है और राष्ट्रगान गवा रही है। कर्दमपुरी पुलिया पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं का 1 महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। अस्मतुल बताती हैं कि इसके बाद पुलिस उनके बेटे को पकड़कर ज्योति नगर थाने ले गई और वहां भी उसे पीटा और इलाज नहीं कराया।