पुनिया ने गांधी के हत्यारे से की प्रधानमंत्री की तुलना, कहा- गोडसे ने पैर छूकर गांधी को गोली मारी, वैसे ही मोदी ने सदन व संविधान पर मत्था टेका

रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने एससी/एसटी नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से कर दी। पुनिया ने कहा कि मोदी और गोडसे में एक समानता है। जिस तरह गोडसे ने गोली मारने से पहले गांधी के पैर छुए, उसी तरह मोदी ने सदन और संविधान पर मत्था टेका। आज दोनों ही व्यवस्थाओं काे समाप्त किया जा रहा है। पुनिया गुरुवार को जिला पंचायत चुनावों को लेकर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।




  1. बैठक शुरू होने से पहले प्रदेश प्रभारी पुनिया ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, एससी/एसटी नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि  कांग्रेस ने इसके लिए केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग भी की है। फैसले के विरोध में छत्तीसगढ़ में 16 फरवरी के बाद कार्यक्रम बनाए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने भाजपा और संघ पर भी जमकर निशाना साधा। कहा कि भाजपा और संघ के लोग जिनका सम्मान करने का दिखावा करते हैं, उन्हीं को समाप्त भी करते हैं। 


     




  2.  


    पुनिया ने कहा भाजपा एससी/एसटी और ओबीसी आरक्षण को लेकर कुठाराघात करना चाहती है। भाजपा आरक्षण का खुलकर विरोध कर रही है। फैसले के पैराग्राफ 8 और 12 में भी इसका उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि एससी/एसटी व ओबीसी आरक्षण कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। राज्यों का भी वैधानिक उत्तरदायित्व नहीं है। यह सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह किसी वर्ग को आरक्षण दे या नहीं दे। उन्होंने कहा कि यह कोई सोच नहीं सकता कि आरक्षण को लेकर भाजपा की यह सोच है। केंद्र सरकार और भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है। 



  3. जिला पंचायत के शुक्रवार को चुनाव होने हैं। इसकी रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को अहम बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। ऐसे में बैठक में प्रदेश का कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा है। पीएल पुनिया बैठक ले रहे हैं और पीसीसर चीफ मोहन मरकाम व कई विधायक मौजूद हैं। हालांकि बैठक के दौरान संख्या कम होने से विवाद भी हो गया। कार्यकारिणी की बैठक में गिन-चुने सदस्य ही पहुंचे हैं। इसके चलते आरोप- प्रत्यारोप शुरू हो गया।