राज में बढ़ी महंगाई

खेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में रोजमर्रा की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण आम जनता में बेचैनी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। केन्द्रीय बजट से पहले किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में लगभग 72 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि मोदी राज में महंगाई बढी और लगभग 40 प्रतिशत ने कहा कि बढ़ती महंगाई का उनके जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि के बाद से पहले से ही निशाने पर बना हुआ है। खासकर प्याज की बढ़ी कीमतों ने देश भर के घरों का गणित खराब कर दिया है। दिसम्बर माह में खुदरा महंगाई दर 7.35 प्रतिशत रही, जो पांच साल में सबसे अधिक थी। यह जुलाई 2016 के बाद पहली बार है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति सरकार द्वारा रिजर्व बैंक आफ इंडिया के लिए निर्धारित दो से छह प्रतिशत मुद्रास्फीति बैंड सैट से अधिक हो गई।