शाहीन बाग में लंबे समय से लोग धरने पर बैठे है, लेकिन अब समय के साथ लोगों की संख्या घटती जा रही है. धरने पर बैठे लोग सीएए व एनआरसी के खिलाफ है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग में धरनास्थल पर दो बार हुई फायरिंग के बाद से पुलिस ने दोनों जगहों पर सुरक्षा जांच बढ़ा दी है.इसकी वजह से अब यहां पर आने वालों की संख्या काफी कम हो गई है.बुधवार को भी दोपहर में यहां काफी कम लोग दिखे. भीड़ को घटते देख धरने के संयोजकों की चिंता भी बढ़ गई है. धरने के संयोजकों ने मंगलवार को शाहीन बाग के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करके लोगों से अपील की है कि वे ज्यादा संख्या में धरनास्थल पर पहुंचे.अपील में कहा गया है कि चार से सात फरवरी तक रात 11 बजे से सुबह 11 बजे तक धरने में बड़ी संख्या में पहुंचें. इससे यह भी चर्चा होने लगी है कि क्या सात फरवरी के बाद धरना समाप्त कर दिया जाएगा. इस अपील में यह भी कहा गया है कि चुनाव आते ही धरने पर राजनीति होने लगी है.
हबीते दिनों गोली चलने के बाद धरनास्थल तक जाने वालों से पुलिस कड़ी पूछताछ करती है. पुलिस लोगों के पहचान पत्र, आधार संख्या, मोबाइल नंबर व घर का पता आदि नोट करती है. ऐसे में लोगों को धरनास्थल पर जाने में यह भी डर लगता है कि कोई बात होने पर वह पुलिस से बच नहीं पाएंगे. वहीं, धरनास्थल तक जाने के लिए प्रदर्शनकारियों की ओर से भी जांच की जाती है. आई कार्ड व आधार नंबर व घर का पता आदि मांगा जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारी अक्सर मीडियाकर्मियों से उनके कैमरे और मोबाइल छीनते दिखाई देते हैं. इस दौरान जगह-जगह पर प्रदर्शनकारी मीडियाकर्मियों से फोटो और वीडियो न बनाने की चेतावनी भी देते हैं. उनसे कैमरा छीनकर फुटेज भी डिलीट कर देते हैं. ऐसे में लोगों के मन में भी सवाल उठते हैं कि आखिर वहां ऐसा क्या हो रहा है जिसके कवरेज से रोका जाता है. गौरतलब है कि पिछले करीब डेढ माह से शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली आने-जाने वालों को परेशान हो रही है.