न्यूजीलैंड ने भारत को 3 दिन के अंदर हराया, श्रृंखला 2-0 से जीती
क्राइस्टचर्च। सितारों से सजी भारतीय टीम एक बार फिर 'कागजी शेर' साबित हुई जिसे न्यूजीलैंड की अनुशासित टीम ने दूसरे और अंतिम टेस्ट में 3 दिन के भीतर सोमवार को यहां 7 विकेट से हराकर श्रृंखला में 2-0 से क्लीनस्वीप किया।




भारत के 132 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने 36 ओवरों में 3 विकेट पर 132 रन बनाकर जीत दर्ज की। इससे पहले भारतीय टीम सोमवार सुबह 6 विकेट पर 90 रन से आगे खेलने उतरी और सुबह 1 घंटे के अंदर ही उसकी दूसरी पारी 124 रनों पर सिमट गई।


बल्लेबाजी करते हुए मोहम्मद शमी को गेंद से चोट लगी और वे गेंदबाजी करने नहीं उतरे जिससे न्यूजीलैंड की राह आसान हो गई। सलामी बल्लेबाजों टाम ब्लंडेल (113 गेंदों में 55 रन) और टॉम लैथम (74 गेंदों में 52 रन) ने पहले विकेट के लिए 103 रनों की साझेदारी करके आसान जीत की नींव रखी।

 

इस श्रृंखला को जीतकर न्यूजीलैंड ने आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 120 अंक हासिल किए और उसके कुल 180 अंक हो गए हैं। भारत हालांकि वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश को हराकर 360 अंक के साथ शीर्ष पर चल रहा है।

 

भारत ने न्यूजीलैंड दौरे पर टी-20 श्रृंखला 5-0 से जीती थी लेकिन इसके बाद विराट कोहली की टीम को एकदिवसीय श्रृंखला में 0-3 और टेस्ट श्रृंखला में 0-2 से क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ा।

 

भारत के इस प्रदर्शन से एक बार फिर साबित हो गया कि कागजों पर उसका रिकॉर्ड भले ही कितना अच्छा हो लेकिन जब गेंद स्विंग और सीम करती है तो उसके बल्लेबाज धराशायी हो जाते हैं। इंग्लैंड में 2014 और 2018 तथा अब न्यूजीलैंड में टीम को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा।


श्रृंखला के हार के अंतर से अधिक समस्या यह है कि भारतीय बल्लेबाजों ने बिना संघर्ष किए घुटने टेक दिए। 2 मैचों की श्रृंखला की 4 पारियों में भारत की ओर से सिर्फ 4 अर्द्धशतक लगे और इस दौरान सीम और स्विंग लेती गेंद के खिलाफ अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, कोहली, चेतेश्वर पुजारा और पृथ्वी शॉ सहित लगभग सभी खिलाड़ियों की तकनीक पर सवाल उठे।

 

भारत के लिए सबसे बड़ा झटका कप्तान कोहली का प्रदर्शन रहा, जो 4 पारियों में सिर्फ 38 रन ही बना सके। सोमवार को भारत का निचला क्रम एक बार फिर नाकाम रहा और टीम ने 34 रन जोड़कर बाकी 4 विकेट भी गंवा दिए। रिद्धिमान साहा पर तरजीह देकर ऋषभ पंत को मौका दिया गया लेकिन उन्होंने एक बार फिर निराश किया।

 

टिम साउथी (36 रनों पर 3 विकेट) और ट्रेंट बोल्ट (28 रनों पर 4 विकेट) की तूफानी गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजी क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। हनुमा विहारी (9) सुबह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज रहे। उन्होंने लेग साइड से बाहर जाती गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया।

पंत भी इसके बाद बोल्ट की गेंद पर विकेटकीपर बीजे वाटलिंग को कैच दे बैठे। वे इस श्रृंखला के दौरान 19, 25, 12 और 4 रन की पारियां ही खेल पाए। मोहम्मद शमी (5) को साउथी ने पैवेलियन भेजा जबकि जसप्रीत बुमराह (4) रनआउट हुए।