उत्तर प्रदेश में अपने ही सर्वे में हारती भाजपा


 


ओ०पी० वर्मा लोकसभा चुनाव होने में अब थोड़ा ही समय बाकी है और सभी पार्टिया किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती. चुनाव की डेट भी फाइनल होने में अभी लगभग एक महीने का समय बाकी है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टियों एसपी और बीएसपी के गठबंधन के बाद आये एक सर्वे में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को ही बड़ी मात्रा में सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के गले ही हड़ी बना हुआ है।एक अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के अपने ही सर्वे में भाजपा उत्तर प्रदेश में सिर्फ 20 से 30 सीटों पर ही सिमट सकती है।2014 में उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीतने वाली बीजेपी को सपा-बसपा गठबंधन के बाद हार का डर सताने लगा है। बीजेपी को डर है कि कही पार्टी राज्य में सिर्फ 20 सीटों तक ही सीमित ना रह जाए। ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी करने में मुश्किल हो सकती है। रिपोर्ट की मानें तो पी राजनीति में एंट्री से पहले करवाया था। रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका का एंट्री का भी कुछ खास फर्क सपा-बसपा के वोट बैंक पर पड़ता नजर नहीं आ रहा. पर भाजपा के वोट जरूर कम होते नजर आ रहे है। भाजपा को अब अपनी हार का डर सताने लगा है इसलिए भाजपा यूपी में नएसहयोगियों की तलाश में भी लग गई है। अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल ने एसपी के सामने गठबंधन के लिए 4 सीटों की मांग रखी थी, पर गठबंधन के सहयोगी उन्हें दो सीटें देने पर ही राजी है. एसे में बीजेपी की कोशिश राष्ट्रीय लोकदल को अपने पाले में लाने की हैपर जयंत चौधरी के ममता बनर्जी के धरने में शामिल होने के बाद लोक दल के बीजपी के साथ जाने की संभावनाएँ भी खत्म हो गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास अपना दल के रूप में एक सहयोगी है, लेकिन पश्चिम यूपी में पार्टी को अब तक कोई सहयोगी नहीं मिला है। पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों के बीच अजीत सिंह की पार्टी अच्छी स्थिति में रहती है।इसलिए भाजपा अजीत सिंह के साथ जुड़नाचाहती है। रिपोर्ट की मानें तो यूपी के अलावा उन राज्यों में भी बीजेपी की सीटें कम हो सकती हैं जहां वट) में एकतरफा जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड़, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बीजेपी की सीटें कम हो सकती हैं।