जम्मू। इस बार की अमरनाथ यात्रा में करीब 7 लाख लोगों को न्योता दिया गया है। इस बार यह यात्रा 46 दिनों तक चलेगी जबकि पिछले साल यह 60 दिनों तक यह चली थी। इस बार भी 1 जुलाई को आरंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले का तंदरूस्त होना जरूरी होगा। अर्थात बिना मेडिकल फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट के कोई भी इसमें शामिल नहीं होगा। इस बार दोनों रास्तों पर यात्रियों की संख्या पर भी बंदिश लागू की गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-75000 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलिकाप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले कई श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण हर साल मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए यात्रा का प्रबंधन करने वाले श्राइन बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाना होगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि आज श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने की। बैठक में हृदयाघात से मरने वाले श्रद्धालुओं के संबंध में चर्चा की गयी। प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मारे जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर चर्चा की। बोर्ड ने तय किया कि यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। देशभर के 32 राज्यों/केंद्र शासित राज्यों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू - कश्मीर बैंक और येस बैंक की 440 नामित बैंक शाखाओं में यात्री पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है। पंजीकरण एक अप्रैल से आरंभ होगा। बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिया गया है कि यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण वक्त से हो जाए। इसलिए इसे इस बार एक अप्रैल से ही आरंभ कर दिया जाएगा। यात्रा पर जाने वाले सभी पंजीकृत श्रद्धालुओं का अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा निशुल्क किया जाएगा। यह फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में किया गया।
बर्फबारी थमते ही सुरक्षाबलों व प्रशासन से सुरक्षा प्रबंध शुरू करने के लिए कहा जाएगा। जानकारी के लिए वर्ष 2012 की यात्रा के दौरान 128 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। इस बार यात्रा पर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं का पहले मेडिकल फिटनेस टेस्ट होगा और उसके बाद हर पंजीकृत श्रद्धालु का बोर्ड की ओर से निःशुल्क बीमा किया जाएगा। यात्रा कैंपों के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। बोर्ड ने यात्रा के दौरान लंगर की व्यवस्था को भी मंजूरी दे दी है। यात्रा में 13 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी। इतना जरूर था कि इस बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या पर भी रोक लगाने की कवायद आरंभ हुई है जिसके तहत अब प्रतिदिन दोनों यात्रा मार्गों से कुल 15 हजार श्रद्धालुओं को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। अर्थात इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 7 लाख लोगों को न्यौता दिया गया है। लेकिन साथ ही करंट पंजीकरण का विकल्प भी खुला रखा गया है।
1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलेगी अमरनाथ यात्रा, 7 लाख लोगों को न्योता