आर्थिक संकट से जूझ रहे Jet Airways को लगा ब्रेक,

नई दिल्ली,। आर्थिक संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज ने शनिवार को कई उड़ानों को रद व कई शहरों एवं देशों की उड़ानों में कमी कर दी है। कंपनी ने दिल्ली-बैंकॉक, दिल्ली-सिंगापुर, मुंबई-बैंकॉक और मुंबई-सिंगापुर हवाई मार्गों पर अपनी सेवाओं को तीन से घटाकर रोजाना एक फ्लाइट कर दी है। मुंबई से दोहा और मुंबई से कुवैत रूट पर चलने वाली रोजाना 2 फ्लाइट भी घटाकर एक कर दी गई है। मुंबई से हांगकांग और कोलकाता से ढाका का हवाई मार्ग 23 मार्च से 30 अप्रैल तक बंद रहेगा।


मिल रही जानकारी के अनुसार जेट एयरवेज ने डोमेस्टिक हवाई मार्गों पर अपनी सेवाएं और भी कम कर दी हैं। जेट एयरवेज ने डोमेस्टिक हवाई मार्गों पर अधिकतर सेवाएं निलंबित कर दी हैं। जेट एयरवेज की घरेलू उड़ानों में भी कटौती की गई है। जेट एयरवेज की मौजूदा सूची के आधार पर 30 अप्रैल तक उड़ानों में कटौती व रद्द किया गया है। हालाँकि इसमें कुछ निलंबित उड़ानें जो कि 30 अप्रैल तक सूचीबद्ध नहीं हैं। 1 मई 2019 के बाद कंपनी की कोई भी उड़ानें उपलब्ध नहीं है। 


मिल रही जानकारी के अनुसार बैंगलुरू-सिंगापुर रोजाना दो फ्लाइट कर दी गई। दिल्ली से अबू धाबी सप्ताह में नौ फ्लाइट, दिल्ली से दमन सप्ताह में 14 फ्लाइट, दिल्ली से ढ़ाका सप्ताह में 11 फ्लाइट कर दी गई हैं। जेट एयरवेज ने दिल्ली से हांगकांग सप्ताह में सात फ्लाइट, दिल्ली से रियाद सप्ताह में सात फ्लाइट और कोलकाता से ढाका की फ्लाइट भी सप्ताह में सात कर दी हैं।


गौरतलब है कि एक बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज से परेशान जेट एयरवेज बाजार में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। नकदी संकट की वजह से कंपनी कर्ज चुकाने में नाकाम रही है। इसके साथ ही वह पायलटों और अन्य वेंडर्स का बकाया नहीं चुका पाई है, जिसकी वजह से कंपनी को पहले ही 40 से अधिक विमानों को ऑपरेशन से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। बता दें कि जेट एयरवेज में कंपनी के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार की करीब 52 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि रणनीतिक साझेदार और अबू धाबी की कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है।