धर्मशाला। अपने उत्तराधिकारी पर बयान देने को लेकर चर्चा में रहने वाले तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा ने एक बार फिर इस मुद्दे को छेड़ दिया है। दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि यह संभव है कि मौत के बाद उनका अगला अवतार भारत में हो। दलाई लामा पिछले 60 साल से भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि उनका उत्तराधिकारी चीन नहीं होगा। दलाई लामा ने यह बात निर्वासन के 60 साल पूरे होने के एक दिन बाद कही। इसके जवाब में चीन ने कहा है कि दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी को चीनी सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
बता दें कि दलाई लामा इससे पहले भी उत्तराधिकारी को लेकर अलग- अलग बयान देते रहे हैं। दिसंबर 2018 में उन्होंने कहा था कि उत्तराधिकारी चुनना उनका काम नहीं है। उनकी स्वाभाविक मृत्यु के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से इसे लेकर फैसला लिया जाना चाहिए। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह इसका फैसला 90 साल के होने के बाद लेंगे।
वह 1959 में चीनी शासन के खिलाफ एक विद्रोह के बाद भारत आ गए थे। इसके बाद से वह बौद्ध धर्म और तिब्बती लोगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं। 1950 में तिब्बत को अपने नियंत्रण में लेने वाले चीन ने इस 83 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को एक खतरनाक अलगाववादी बताता है। चीन दलाई लामा के अवतार को बहुत महत्वपूर्ण मानता है। उन्होंने कहा कि चीन को मेरे मुकाबले अगले दलाई लामा के बारे में अधिक चिंता है।