छात्रों की भूख हड़ताल जारी

नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में गत एक सप्ताह से प्रशासन और जेएनयू छात्र संघ के बीच गतिरोध जारी है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों का सब्र का बांध सोमवार देर शाम को कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार के आवास पर जाकर फूटा।


जेएनयू सुरक्षाकर्मियों की माने तो प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कुलपति आवास का गेट तोड़कर अंदर प्रवेश किया। इन तमाम घटनाक्रम के बाद मंगलवार को कुलपति प्रो कुमार ने कहा कि जेएनयू मेरे परिवार का एक हिस्सा है और बीती रात जो कुछ भी हुआ मैं और मेरी पत्नी छात्रों के खिलाफ पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं कराएंगे।


सोशल मीडिया के जरिए घटना शेयर की थी…
सोमवार देर रात जेएनयू कुलपति ने सोशल मीडिया के जरिए बताया था कि सैकड़ों छात्र मेरे आवास में जबरन तोड़-फोड़कर घुस गए और मेरी पत्नी को कई घंटे घर में बंधक बना लिया। वह घर पर अकेली हैं और डरी हुई हैं। मैं बैठक के लिए घर से दूर हूं। घर में अकेली महिला को डराना, क्या प्रदर्शन का सही तरीका है। उन्होंने कहा कि कल रात जेएनयू निवास के सामने छात्रों द्वारा किया गया हिंसक व्यवहार निंदनीय है। हमने उन्हें माफ कर दिया है। आशा करता हूं कि भविष्य में छात्र इस तरह के कृत्यों को नहीं दोहराएंगे।


12 लाख फीस गरीब कैसे देगा
जेएनयूएसयू के अध्यक्ष बालाजी ने कहा कि जेएनयू अब जीयो मॉडल्स पर चलना शुरू कर दिया है। यही वजह है कुलपति के पास छात्रों के जायज मांगों को सुनने के लिए भी समय नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्र बीते सात दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं। हम कुलपति क साथ मिलकर दाखिला प्रक्रिया में छात्र विरोधी और गरीब विरोधी कई मानकों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।


हम कुलपति से मिलकर पूछना चाहते थे कि प्रशासन द्वारा 12 लाख रुपये फीस वाले एमबीए या इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में गरीब वर्ग के छात्र प्रवेश कैसे लेंगे। इसके अलावा बिना संसाधन या फैकल्टी के ऐसे पाठ्यक्रम क्यों शुरू किए जा रहे हैं। इसके अलावा बीए लेटरल में प्रवेश बंद करने और एमफिल पीएचडी को अलग-अलग क्यों किया जा रहा है।


पहली बार छात्र जबरन घुसे
जेएनयू के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने सोमवार रात की घटना के बारे में बताते हुए कहा कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि करीब छह बजे करीब 400 से ज्यादा छात्र वीसी के घर के बाहर नारेबाजी कर रहे थे। हमने सुरक्षा की दृष्टिकोण से 25 से 30 के आसपास पुरुष व महिला सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे। हमें इस घटना की जरा भी उम्मीद नहीं थी।


जब मैंने देखा धक्का-मुक्की शुरू हो गई है तो सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि वीसी घर पर नहीं हैं। उनकी पत्नी अकेली हैं, आप प्लीज ऐसा मत कीजिए। सुरक्षाकर्मियों ने करीब आधा-पौना घंटा तक गेट पर उन्हें रोककर रखा। इसमें कई सुरक्षाकर्मियों को चोट भी आई।