नौ मई को खुलेंगे भगवान केदारनाथ धाम के कपाट

रुद्रप्रयाग। 12वें ज्योर्तिलिंग में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि सोमवार महाशिवरात्रि पर्व पर तय की गई। केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर खोले जाएंगे। इसी के साथ चारों धाम के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो गई हैं। इसके तहत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सात और बदरीनाथ के 10 मई को खोले जाएंगे।


प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित होती है। इस वर्ष भी कपाट खुलने तिथि की घोषणा को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तैयारियां की गई।


सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे पुजारी, ब्राह्मण, वेदाचार्य पंचाग गणना के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट नौ मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर खोले जाएंगे। बद्री-केदार मंदिर समिति, प्रशासन एवं हकूकधारियों की मौजूदगी में कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की गई।


डोली प्रस्थान का समय 6 मई को निश्चित किया गया है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने यह जानकारी दी। इस दौरान केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के साथ ही मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी समेत प्रशासन एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।
भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 10 मई को सुबह 4.15 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे। नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजमहल में पंचांग व गणेश पूजा के बाद महाराजा की ओर से पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल ने कपाट खुलने की तिथि घोषित की। वहीं, बदरीनाथ धाम में अभिषेक पूजा के लिए तिलों का तेल पिरोने की रस्म 24 अप्रैल को राजमहल में पूरी की जाएगी। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सात मई को खोले जाएंगे।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बीते सीजन सात लाख 32 हजार 241 यात्रियों का दर्शनों के लिए पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। अब प्रयास रहेगा कि आगामी यात्रा सीजन में इस संख्या को और बढ़ाया जाए। डीएम ने कहा कि पैदल यात्रियों से लेकर हेलीकॉप्टर और डंडी-कंडी से जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया। इस साल बाबा के दर्शनों को घोड़ा-खच्चर से 238612, हेलीकॉप्टर से 122935, डंडी से 9151, कंडी से 14039 और पैदल यात्री 347504 पहुंचे।


केदारनाथ में व्‍यवस्‍थाएं बनाना चुनौतीपूर्ण


केदारनाथ धाम में सात से आठ फीट बर्फ पड़ी हुई है। केदारनाथ में बिजली आपूर्ति भंग है। गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच बिजली लाइन क्षतिग्रस्त है और अभी इसके ठीक होने में समय लगेगा। संचार नेटवर्क भी ध्वस्त है। गौरतलब है कि भारी हिमपात से केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के चार हट, तीन विद्युत पोल और दो ट्रांसफार्मर बर्फ में दब गए हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए यहां सुविधाओं की व्‍यवस्‍था करना चुनौती पूर्ण रहेगा।
नहीं जाएगी केदरानाथ में बिजली


आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदाओं से केदारनाथ में विद्युत लाइनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ऊर्जा निगम ने यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भूमिगत विद्युत लाइन बिछ रही है। ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता अक्षित भट्ट ने बताया कि 22 करोड़ लागत की इस योजना पर बीते साल जुलाई से काम शुरू कर दिया गया था। भट्ट के अनुसार इस यात्रा सीजन में धाम के पैदल मार्ग पर स्थित सभी पड़ावों पर बिजली की नियमित आपूर्ति होने लगेगी। वहीं, यात्रियों के लिए पानी की व्‍यवस्‍था करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।