दुनिया भर में पाकिस्तान को में बहुत ही कम मुसलमान चरमपंथी पर आमंत्रित करने पर पाकिस्तान की संगठन का पूर्णरूपेण सदस्य नहीं बनाया अलग-थलग करने की कोशिशों में और रूढ़िवादी विचारधारा वाले तरफ से ऐतराज जताया। भारतीय जाता। शर्मा ने कहा, मैं हैरान हूं कि जुटी भारत सरकार को उस समय बड़ी कुप्रचार के शिकार हुए हैं। सुषमा ने वायुसेना के हमलों के बाद हालात को सरकार यूएई में ओआईसी के सम्मेलन सफलता मिली जब इस्लामिक सहयोग कहा कि वह ऐसी धरती की प्रतिनिधि हैं गंभीर करार देते हुए कुरैशी ने कहा कि में संबोधन के लिए विदेश मंत्री सुषमा संगठन की बैठक से पाकिस्तान को जो सदियों से ज्ञान का स्रोत, शांति की प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ताजा स्वराज को मिले आमंत्रण का जश्न बाहर रहने पर मजबूर कर दिया। मशाल, भक्ति और परंपराओं का स्रोत घटनाक्रम को लेकर यूएई के युवराज मना रही है। गलत मौके पर उत्साह पाकिस्तान इस 57 इस्लामिक देशों के और दुनिया भर के धर्मों का घर रहा हैशेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान दिखाया जा रहा है और यह भारत में समूह का संस्थापक सदस्य है और अब तथा अब यह दुनिया की महत्वपूर्ण के साथ-साथ सऊदी अरब के युवराज जनता की राय को भ्रमित करने की तक का इतिहास देखें तो यहाँ उसकी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात बेकार की कवायद है। बात भी सुनी जाती थी और उसकी मुस्लिम देशों के बीच बढ़ी भारत कीकुरैशी ने पहले कहा था कि क्या है ओआईसी ? चलती भी थी। लेकिन समय बदल की स्वीकार्यता आईओसी हमारा घर है इसलिए हम जहाँ तक ओआईसी की बात है तो चुका है, यह बात अब पाकिस्तान को ओआईसी में भारत की उपस्थिति वहां जाएंगे लेकिन सुषमा स्वराज से यह संगठन इस्लामिक देशों के मध्य स्वीकार कर लेनी चाहिए। इसे निश्चित की जहाँ पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हैकोई बात नहीं होगी परन्तु बाद में उन्होंने सभी विषयों में सहयोग को प्रोत्साहित रूप से भारत की बड़ी कूटनीतिक वहीं इसे मुस्लिम देशों के बीच भारत की वहाँ जाने का कार्यक्रमही रद्द कर दिया। करता है। इसका मुख्यालय जेद्दा, उपलब्धिही कहा जायेगा जिसके तहत पहली बार देश ने ओआईसी की बैठक को संबोधित किया और जोर दिया कि क्षेत्रों को अस्थिर करने वाले और विश्व को बड़े संकट में डालने वाले आतंकवाद के खिलाफ युद्ध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। भारत की यह भागीदारी इस्लामिक सहयोग संगठन समूह को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिया गया आमंत्रण रद्द करने की पाकिस्तान की मजबूत मांग के बावजूद हुयी है। पाकिस्तान की इस मांग को मेजबान देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने स्वीकार नहीं किया और इसके फलस्वरूप पाकिस्तानी विदेश मंत्री बढ़ती स्वीकार्यता के तौर पर भी देखा भारत में इस मुद्दे पर हो रही है घरेलू (सऊदी अरब) में स्थित है तथा शाह महमूद कुरैशी ने पूर्ण सूत्र का जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात राजनीति सदस्यता वाले देश हैं- अफगानिस्तान, बहिष्कार किया। (यूएई) में भारत के राजदूत रहेजहाँ तक इस मुद्दे पर घरेलू अल्बानिया, अल्जीरिया, अजरबैजान, अपने संबोधन में सुषमा स्वराज ने तलमीज अहमद ने कहा है कि मुस्लिम राजनीति की बात है तो भारतीय विदेश बहरीन, बांग्लादेश, बेनिन, ब्रूनेई, दारकहा, आतंकवाद और चरमपंथ जगत में प्रभाव संतुलन भारत के पक्ष में मंत्रालय ने इस न्योते को भारत में 18.5 ए-सलाम, बुर्किना फासो, कैमरून, अलग-अलग नाम हैं...आतंकवाद के आ रहा है। उन्होंने ओआईसी में भारत करोड़ मुसलमानों की मौजूदगी और चाड, कोमोरोस, आईवरी कोस्ट, खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के के संबोधन को पहली बार ऐतिहासिक इस्लामी जगत में भारत के योगदान को जिबूती, मिस्र, गैबॉन, गाम्बिया, गिनी, खिलाफ संघर्ष नहीं है। सुषमा 57 भूल का सुधार करार दिया। ओआईसी मान्यता देने वाला एक स्वागत योग्य गिनी-बिसाऊ, गुयाना, इंडोनेशिया, इस्लामिक देशों के समूह को संबोधित में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण कदम बताया हैऐसा पहली बार हुआ ईरान, इराक, जार्डन, कजाखस्तान, करने वाली पहली भारतीय मंत्री हैं। के बारे में अहमद ने कहा, मुझे लगता है कि भारत को इस्लामी सहयोग संगठन कुवैत, किरगिजस्तान, लेबनान, इससे पूर्व 1969 में इंदिरा गांधी कि यह बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। की बैठक में गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर लीबिया, मलेशिया, मालदीव, माली, मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री फखरुद्दीन उन्होंने कहा, मैं इसे मुस्लिम जगत में पर आमंत्रित किया गया। खासतौर पर मॉरिटानिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, अली अहमद, जो बाद में राष्ट्रपति बने, प्रभाव संतुलन को भारत के पक्ष में जाते पुलवामा आतंकी हमले में नाइजर, नाइजीरिया, ओमान, को रबात सम्मेलन में भाग लेने के लिए हुए और पाकिस्तान से दूर होते हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद पाकिस्तान, फिलिस्तीन, कतर, सऊदी आमंत्रित किया गया था। लेकिन उनके देखता हूं। उन्होंने कहा कि पचास साल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अरब, सेनेगल, सियरा लिओन, मोरक्को की राजधानी पहुंचने के बाद पहले पाकिस्तान के एक जनरल पाकिस्तान को अलग-थलग करने के सोमालिया, सूडान, सूरीनाम, सीरिया, पाकिस्तान द्वारा जोर दिए जाने पर उनसे (याहया खान) ने कहा था कि भारत लिए उसके खिलाफ कूटनीतिक ताजिकिस्तान, टोगो, ट्यूनीशिया, तुर्की, आमंत्रण वापस ले लिया गया था। को रबात प्लेटफॉर्म से हटाया जाना कोशिशें तेज किए जाने के बीच तुर्कमेनिस्तान, युगांडा, संयुक्त अरब उसके बाद से, भारत को ओआईसी के चाहिए। वह अचानक से हुए सत्ता ओआईसी ने यह कदम उठाया। अमीरात, उज्बेकिस्तान, यमन। सभी विचार-विमर्श से बाहर रखा गया। परिवर्तन के तहत शासन में आये थेगौरतलब है कि ओआईसी आमतौर पर ओआईसी से इतर बैठकेपवित्र कुरान को किया उद्धत अहमद ने कहा, 50 साल बाद इस पाकिस्तान का समर्थक है और कश्मीर हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सुषमा ने अपने संबोधन में पवित्र ऐतिहासिक भूल को सुधारा जा रहा है। मुद्दे पर अक्सर ही पाकिस्तान का पक्ष आईओसी की बैठक से इतर संयुक्त कुरान की एक पंक्ति को उद्धृत किया और यह महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान लेता है। दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि अरब अमीरात, सऊदी अरब, मालदीव जिसका अर्थ है, धर्म में कोई बाध्यता इस इस्लामी मंच से नदारद हैइस्लामी सहयोग संगठन के उद्घाटन सत्र और बहरीन जैसे इस्लामी देशों के नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'जैसे 50 साल पुराना साथ छूट गया ! में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मिले विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता की और कि इस्लाम का मतलब अमन है और पाकिस्तान ने भारत को मिला आमंत्रण पर सरकार की खुशी से वह क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का आदानअल्लाह के 99 नामों में से किसी का आमंत्रण रद्द कराने की पूरी-पूरी हैरान है। पार्टी ने इसे भारत के लोगों प्रदान किया। ओआईसी की बैठक को मतलब हिंसा नहीं है।उसी तरह दुनिया कोशिश की लेकिन उसके प्रयास सफल को गुमराह करने की बेकार की कवायद संबोधित करने के बाद सुषमा ने के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे नहीं हए और आखिरकार इस मंच के करार दिया। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता मेजबान यूएई के विदेश मंत्री शेख का संदेश देते हैं। सुषमा ने कहा, मैं 50 वर्ष के इतिहास में पहली बार ऐसा आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाह्यान से अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 18.5 हुआ कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस मोदी और विदेश मंत्री स्वराज को बातचीत की और ओआईसी के करोड़ मुसलमान भाइयों-बहनों सहित सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। इस्लामी सहयोग संगठन के सम्मेलन में इतिहास में पहली बार भारत को गेस्ट .3 अरब भारतीयों का सलाम लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद शामिल नहीं होने के भारत के पहले से ऑफ ऑनर के तौर पर आमंत्रित करने आयी हूं। हमारे मुसलमान भाई-बहन कुरैशी ने यूएई के विदेश मंत्री से बात की बने रुख का तब तक सम्मान करना और वह भी समूह के स्वर्ण जयंती के अपने-आप में भारत की विविधता का और ओआईसी की बैठक में भारतीय चाहिए, जब तक कि देश की बड़ी अवसर पर न्योता देने के लिए उनका सूक्ष्म ब्रह्मांड हैं। उन्होंने कहा कि भारत विदेश मंत्री को विशिष्ट अतिथि के तौर मुस्लिम आबादी को देखते हुए उसे शुक्रिया अदा किया।
पाकिस्तान को घर से बेघर कर दिया भारत ने