फाल्गुन में लक्खी मेले से सराबोर हुई खाटू नगरी, देश के कोने कोने से पदयात्रा लेकर पहुंच रहे है श्रद्धालु

जयपुर. सीकर जिले के खाटू श्याम की नगरी में फाल्गुन मेले का रंग अब चढ़ने लगा है। बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाने को देश के अलग अलग हिस्सों से श्याम भक्त श्रद्धालुओं से खाटू श्याम जी की नगरी अटी हुई है। बाबा श्याम की एक झलक पान के लिए भक्त हजारों लाखों की संख्या में पदयात्रा के रुप में पहुंच रहे है। बाबा श्याम का मुख्य मेला एकादशी 17 मार्च को आयोजित होगा वहीं, छोटी काशी कहलाई जाने वाली गुलाबी नगरी जयपुर से भी विभिन्न संस्थाओं और कीर्तन मंडलियों द्वारा पदयात्रा निकाली जा रही है। जिनमें श्याम भक्त डीजे की धुन पर श्याम जी के भजनों पर झुमते नाचते गाते खाटू पहुंच रहे है। सैंकड़ों भक्तों के हाथों में लहराता हुआ रंग बिरंगा निशान है। बीच में रंग अबीर गुलाल उड़ाकर फाल्गुन का उल्लास देखते ही नजर आ रहा है। जगह जगह इन श्रद्धालुओं के लिए श्यामप्रेमियों ने खाने पीने की स्टॉल्स लगाई हुई है। कई जगह विश्राम स्थल बनाए गए है। जहां अलग अलग कीर्तन भजन मंडलियों के तत्वावधान में भजन की सुर सरिता बह रही है। खाटू कस्बे में होटल,धर्मशाला व गेस्ट हाउसों में बाहर के शहरों से आए हुए श्याम भक्त ठहरे हुए है। वहीं, खाटूश्यामजी का यह लक्खी मेला इस बार देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा श्याम के निशानों के साथ हाथों में तिरंगा थामे पहुंच रहे है। बिहार के कटियार जिले से श्याम भक्तों के द्वारा 7 फीट लंबा व 5 फीट चैड़ा और 18 फीट ऊंचा तिरंगा लेकर आए। नरोला दिल्ली के श्रीश्याम सेवा दल व खाटूश्याम भक्त मंडल की ओर से भी तिरंगा लाया गया। मेले में रजनीगंधा, ऑर्चिड, गिलोस, गुलाब, चेरी के फूलों से बाबा शृंगार होगा। मुंबई के 51 सदस्यों ने 1300 किमी का सफर 11 दिन में किया। मुंबई के ठाने से 51 सदस्यों ने पहली बार बाबा श्याम की चैखट पर शीश नवाकर निशान अर्पित किए। बाबा श्याम के दीवानों ने 11 दिनों 1300 किलोमीटर का रास्ता तय किया गया। मेले में श्याम दीवानों की टोलियां जत्थे के रूप में आ रही है। बाबा श्याम के जयकारे लगाते हुए दर्शन कर रहे है। मेले में आने वाले प्रवासी बाबा के पूरे मेले के दौरान कस्बे मे रहते है तथा होली खेलकर जाते है। वहीं श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा श्याम दरबार को सजाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा हैं।