122 उम्मीदवार, 5 पेज का मत पत्र और 25 घंटे में आया परिणाम

भिवानी . 1989 का लोकसभा चुनाव भिवानी वालों और आयोग काे हमेशा याद रहेगा। चौ. देवीलाल सीएम थे। कांग्रेस से बंसीलाल और जनता दल से धर्मबीर आमने-सामने थे। चुनाव आयोग व प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय थे। पहली बार चुनाव में हिंसा हुई। फिर भी बंसीलाल ने डेढ़ लाख से भी अधिक वोटों से जीते। बूथों पर कब्जा करने व मतगणना के दौरान हेराफेरी रोकने लिए 122 प्रत्याशी मैदान में आ गए थे। राजेंद्र बसपा से थे। 119 आजाद उम्मीदवार थे। धर्मबीर को छोड़कर सभी की जमानत जब्त हुई थी।


अधिकांश प्रत्याशी डमी थे, जिनका नामांकन मुख्य प्रत्याशियों द्वारा करवाया गया था। इसके दो ही कारण थे कि पहल बूथ कैप्चरिंग को रोकना और अगर बूथ पर कब्जा होता है तो फिर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा भी कब्जा करना। दोनों पक्ष मजबूत होने के कारण बूथ कैप्चरिंग तो नहीं हुई लेकिन हिंसक वारदातंे जरूर हुई थीं। एक समर्थक की जान चली गई थी। लगभग चार दर्जन लोगों के खिलाफ 302 व 307 समेत अनेक धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए थे। एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर व एक अन्य को उम्रकैद काे सजा हुई थी, लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में उन्हे बरी कर दिया था।


आयोग को पहली बार आई चिह्न अलॉट करने में परेशानी : 122 प्रत्याशियों के एकाएक चुनावी मैदान में आने से चुनाव आयोग के सामने चुनाव चिन्ह अलाॅट करने की समस्या आई। इस चुनाव में आजाद प्रत्याशियों को कप प्लेट, कार, जीप, हैंडपंप, िसलाई मशीन, कलम दवात, मोर पंख, वृक्ष, दो पत्ती, तख्ती, स्लेट, स्कूटर, साइकल, हवाई जहाज, तलवार, ढाल, गमला, प्रेस, पंखा, अंगूठी आदि चुनाव चिन्ह अलाॅट किए गए थे। मत पत्र पांच अलग-अलग पेज का था। इसके चलते मतदाताओं को व प्रत्याशी समर्थकों को चुनाव चिन्ह समझाने व समझने में बड़ी परेशानी हुई थी। चुनाव लड़ चुके बसपा प्रत्याशी राजेंद्र ने बताया कि उस चुनाव में सबसे बड़ी परेशानी थी चुनाव चिन्ह खोजने व मतदाताओं को समझाने की। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उस चुनाव में अधिकांश डमी प्रत्याशी थे, जिन्हें केवल बूथ व मतगणना केंद्रों पर एजेंट बढ़ाने के लिए ही प्रयोग किया गया था।


दाे बार घाेषित किया गया परिणाम : बसपा प्रत्याशी रमेश ने बताया िक गिनती कर परिणाम घाेषित करने में 25 घंटे का समय लगा था। सुबह नाै बजे गिनती शुरू कर अगले दिन सुबह दस बजे परिणाम घाेषित किया था। उनका परिणाम भी दाे बार घाेषित किया गया। पहली बार उन्हें कुल वाेट दिखाए गए लगभग 24 हजार। लगभग दाे घंटे बाद घाेषित किया गया कि बसपा प्रत्याशी के 14 हजार वाेट हैं। गिनती के लिए 24 टेबल लगाई गई थी। एसडीएम ने ऐसे दो कर्मचारियों को पकड़ा जो अपने फेवर के प्रत्याशी के समर्थन में 40-40 मतों के पैकेट बना रहे थे जबकि पैकेट बनाए जाने थे 50- 50 मतों के।