नई दिल्ली. पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। सुरक्षा सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि अफगानिस्तान के 100 से ज्यादा खूंखार आतंकियों को अगले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करा सकता है।
अफगानिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती रऊफ असगर ने अपने साथियों से जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय में 19 और 20 अगस्त को आतंकी एजेंडे पर बैठक की थी। सूत्र ने ये भी बताया कि खुफिया रिपोर्ट में पता चला है कि नियंत्रण रेखा से लगी पाकिस्तानी सीमा के लीपा वैली स्थित लॉन्च पैड पर संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 15 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में हैं। इसीलिए पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा है।
कई प्रमुख शहरों के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान निशाने पर
खुफिया इनपुट के मुताबिक, पाकिस्तान मूल के आतंकी संगठन अगले कुछ हफ्तों में भारत के कई प्रमुख शहरों में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमले कर सकते हैं। सूत्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों से पाकिस्तान दुनिया को ये बताना चाहता है कि भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के फैसले से राज्य के हालात बिगड़ रहे हैं। हाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर मामले पर विवादित बयान दिया था। इमरान ने कहा था कि अनुच्छेद-370 हटने से कश्मीर में पुलवामा जैसे आतंकी हमले बढ़ सकते हैं।
पाक ने भारतीय चैनल दिखाने वाले ऑपरेटर्स से कहा- सख्त कार्रवाई होगी
पाकिस्तान में भारतीय टीवी चैनल दिखाने वाले केबल ऑपरेटर्स को वहां के नियामक ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेम्रा) के चेयरमैन मुहम्मद सलीम बेग ने गुरुवार को कहा कि देश में भारतीय चैनल, उसके कंटेंट और विज्ञापनों को दिखाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। इसका कुछ केबल ऑपरेटर लगातार उल्लंघन कर रहे हैं।
उत्तरी कश्मीर के स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी
स्कूल खुलने के दो दिन बाद जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और बांदीपोरा समेत कई जिलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ गई है। हालांकि, श्रीनगर समेत घाटी में बहुत से स्थानों पर तनाव का माहौल होने से छात्रों की संख्या बेहद कम है। केवल
शिक्षक ही जा रहे हैं।
नेताओं को रिहा करने पर असमंजस कायम
जम्मू-कश्मीर में हिरासत में चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत अन्य नेताओं की रिहाई को लेकर स्थिति फिलहाल साफ नहीं है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन नेताओं की रिहाई को लेकर फैसला स्थानीय प्रशासन को वहां के हालात को देखकर लेना है।