संसद में मार्शल्स की सैनिकों जैसी ड्रेस पर विवाद, पूर्व आर्मी चीफ ने जताई थी आपत्ति


नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा के 250वें सत्र के प्रारंभ होने पर आसन का नजारा अलग लग रहा था। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शल्स की एकदम नई ड्रेस के कारण दिखाई दे रहा था। सोमवार को इन मार्शल्स के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की पी-कैप थी, साथ ही उन्होंने नीले रंग की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी। सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सदन का ध्यान मार्शलों की सेना जैसी यूनिफॉर्म पर दिलाया। जयराम रमेश ने कहा था- 'क्या आप मॉर्शल लॉ लगाना चाहते हैं?'राज्यसभा मेें मार्शल की नई सैनिकों जैसी ड्रेस को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। विवाद के बाद राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि मार्शल की ड्रेस को लेकर कई सुझाव मिले हैं, इन पर विचार किया जाएगा।


पूर्व आर्मी चीफ समेत कई पूर्व सैन्य अफसरों ने मार्शल की नई ड्रेस पर आपत्ति जताई है। राज्यसभा में मार्शल की नई ड्रेस पर पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश मलिक ने आपत्ति जताई थी।
मलिक ने ट्विटर पर लिखा था कि गैर सैन्यकर्मियों द्वारा सैन्य वर्दी पहनना और उसकी नकल करना गैरकानूनी है और सुरक्षा के लिए खतरा है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस पर जल्द कार्रवाई होगी।
लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने ड्रेस को लेकर ट्‍विटर पर लिखा था-
'पहले निजी और सरकारी संगठन ही ऐसा करते थे और अब माननीय राज्यसभा में भी सैन्य बलों जैसी यूनिफॉर्म इस्तेमाल की जा रही है, बिना ये सोचे कि ये सैनिक का सम्मान है। क्या ये सिर्फ इसलिए है, क्योंकि जनता इन्हें सर्वोच्च स्थान पर रखती है? यूनिफॉर्म के सम्मान के लिए कानूनी मदद की जरूरत है। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने ट्‍विटर पर ड्रेस को लेकर सवाल उठाए थे।
मलिक ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को ट्विटर पर टैग करते हुए उनसे इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। विवाद के बाद राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि मार्शल की ड्रेस को लेकर कई सुझाव मिले हैं। सभापति वैंकेया नायडू ने कहा है कि बहुत सारे सुझाव मिले हैं, सुझावों पर विचार किया जाएगा।
क्या कहा वेंकैया नायडू ने : मंगलवार को सभापति ने सदन में कहा कि राज्यसभा सचिवालय ने मार्शलों के लिए नया ड्रेस कोड तय किया था, लेकिन राजनीतिक नेताओं तथा कुछ प्रबुद्ध नागरिकों की ओर से इस संबंध में कुछ सुझाव एवं टिप्पणियां मिली हैं। नायडू ने कहा कि मैंने सचिवालय से इसकी समीक्षा करने के लिए कहने का फैसला किया है। आमतौर पर ये मार्शल गर्मियों में सफारी सूट तथा सर्दियों में भारतीय बंदगला सूट पहने नजर आते थे। इनके सर पर कलगीदार पगड़ी होती थी।


राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले कई दशकों से चल रहे इस ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शल्स ने ही की थी। उल्लेखनीय है कि सभापति सहित अन्य पीठासीन अधिकारियों की सहायता के लिए लगभग आधा दर्जन मार्शल तैनात होते हैं।