उत्तरी सियाचिन में बर्फीले तूफान से सेना के 4 जवानों और दो कुलियों की मौत


नई दिल्ली। सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में सोमवार को दोपहर बाद हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण सेना के 4 जवानों और दो कुलियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।


अधिकारियों ने बताया कि सेना के छह कर्मियों समेत 8 लोगों का एक समूह दोपहर बाद 3 बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में सेना के 2 जवान बच गए हैं।

 

उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। अधिकारी ने बताया कि बेहतर प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से 4 सैनिकों एवं 2 नागरिकों की मौत हो गई।

 

सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है।

 

सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान और भू-स्खलन से होता है। पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। 


अधिकारियों ने बताया कि सेना के छह कर्मियों समेत 8 लोगों का एक समूह दोपहर बाद 3 बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में सेना के 2 जवान बच गए हैं।

 

उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। अधिकारी ने बताया कि बेहतर प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से 4 सैनिकों एवं 2 नागरिकों की मौत हो गई।

 

सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है।

 

सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान और भू-स्खलन से होता है। पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है।