उन्नाव: 'गांव वाले चीखते हुए मेरे घर आए और बोले मेरी बहन को जला दिया गया है'

उन्नाव उन्नाव में रेप के बाद जलाई गई पीड़िता की हालत अभी भी नाजुक है। उसे बेहतर इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गुरुवार रात को दिल्ली भेज दिया गया है। इस बीच पीड़िता के भाई ने बताया कि वह रायबरेली में अपने वकील से मिलने जा रही थी जब उसके साथ यह हादसा हुआ। भाई ने बताया कि गांव के लोग उसके घर की तरफ चीखते हुए आए और बताया कि उसकी बहन को जिंदा जला दिया गया है।


पीड़िता के भाई ने बताया, 'मुझे अपनी बहन के साथ सुबह 4 बजे रायबरेली के लिए निकलना था लेकिन कुछ मजबूरी की वजह से मैं उसके साथ नहीं जा सका। मेरी छोटी बहन ने तय किया कि वह अपने आप वहां जाएगी। मुश्किल से 6 से 7 मिनट ही बीते होंगे जब कुछ लोग मेरे घर की तरफ चीखते हुए आए और बताया कि मेरी बहन को जिंदा जला दिया गया है।'

'बहन की चीखें सुनकर सुन्न हो गया'
पीड़िता के भाई ने बताया, 'मैं दौड़ता हुआ बाहर आया तो लोगों ने मुझे बताया कि यूपी 112 की टीम उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई है। मुझे बताया गया कि उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब मैं अस्पताल पहुंचा तो उसकी चीखें सुनकर सुन्न रह गया। उसे इतनी बुरी स्थिति में देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मेरी बहन को भयंकर दर्द हो रहा था और मैं कुछ नहीं कर सकता था।'

'बीएड कर प्राइमरी स्कूल में पढ़ाया'
पीड़िता के भाई ने आगे बताया, 'मुझे मिलाकर हम सात भाई-बहन हैं। वह पांच बहनों में चौथे नंबर पर है। बाकी तीनों की शादी हो गई। वह हमेशा से बहादुर और मेहनती रही है। वह पढ़ाई को लेकर काफी सजग थी और बीएड पूरा करने के बाद कुछ प्राइमरी स्कूल में भी पढ़ाया था।' पीड़िता के बड़े भाई ने बताया, 'हमारा छोटा भाई मानसिक रूप से दिव्यांग है जिसकी देखरेख करने के लिए वह घर पर ही रहती थी। हमारे पास जमीन भी नहीं है, मैं और मेरे पिता ही अकेले कमाने वाले हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि वह बच जाए और एक अच्छा जीवन जी सके।'