क्या शाहीन बाग कल PM मोदी की अपील मानेगा, 'जनता कर्फ्यू' को देंगे समर्थन?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कल जनता कर्फ्यू की अपील की है. इस अपील का देशवासियों ने भी स्वागत किया है. वहीं, कोरोना के खतरा को देखते हुए दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ धरना पर बैठीं महिलाओं को लगातार हटाने की मांग भी की जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि कल जनता कर्फ्यू की हिस्सा बनेंगी प्रदर्शनकारी महिलाएं, क्या पीएम मोदी की अपील को मानेंगी.


दुनिया भर में कोरोना वायरस के कहर से हाहाकार मचा हुआ है. भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसे लेकर केंद्र सहित राज्य की सरकारें चिंतित हैं और एहतिहात बरतने के लिए हर वो कदम उठा रही हैं जिससे इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनता कर्फ्यू करने के लिए कहा है. पीएम मोदी ने आह्वान किया है कि 22 मार्च को कोई भी घर से बाहर न निकलें अगर बहुत जरूरी हो तभी बाहर जाएं.


पीएम मोदी की इस अपील को राज्य की सरकारें सहित देशवासियों ने स्वागत भी किया. सभी राज्यों की सरकार कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं. राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस वायरस के रोमथाम के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं, साथ ही जनता कर्फ्यू के दिन 50 प्रतिशत बसें नहीं चलाने का फैसला किया है. वहीं, सीएम केजरीवाल ने लोगों को एक जगह पर इकट्ठा ना होने निर्देश दिए हैं. पहले 20 से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा ना होने को और कम कर अब 5 कर दिया है. यानी अब दिल्ली के किसी भी स्थान पर एक साथ 5 लोग इक्ट्ठा नहीं हो सकते हैं.


जनता कर्फ्यू का हिस्सा होगा शाहीन बाग?


इन सबके बीच दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले साल 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं प्रदर्शन जारी रखने की जिद्द पर अड़ी हुई हैं. पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू के तहत जहां पूरे देशवासियों को घर में रहने की सलाह दी है, वहीं शाहीन बाग की महिलाओं का कहना है कि वे जनता कर्फ्यू का हिस्सा नहीं बनेंगी. हालांकि, ये जरूर है कि कोरोना वायरस के खतरा को देखते हुए शाहीन बाग में धरना स्थल पर प्रदर्शनकारी महिलाओं की तादाद कम कर गई है. लेकिन सवाल उठता है कि जब पूरा देश इस महामारी से लड़ने के लिए जनता कर्फ्यू की तैयारी में है, तो क्या शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पीएम नरेंद्र मोदी की अपील को मानेंगे, क्या जनता कर्फ्यू का हिस्सा होंगे?


पीएम मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू लगाने की अपील को लेकर शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि रविवार को हम छोटे-छोटे टेंट के नीचे धरना पर बैठेंगे. हर टेंट के नीचे केवल दो महिलाएं बैठेंगी और उनके बीच एक मीटर से ज्यादा का फासला होगा. उनका कहना है कि महिलाएं गद्दे पर नहीं बैठ रही. चारपाई रखी गई है और दो-दो खाटों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी है. एक खाट पर दो से अधिक महिलाएं नहीं बैठ सकती हैं.


जनता कर्फ्यू को लेकर बंद रहेगा हिंदुस्तान


बात दें कि जनता कर्फ्यू को लेकर 22 मार्च को सुबह 7 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक पूरा हिन्दुस्तान लगभग बंद रहेगा. इस दिन 24 घंटे के लिए ट्रेन सेवाएं भी बंद रहेंगी. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने भी इस दिन दिल्ली मेट्रो की सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है.


कोरोना से बचने के लिए प्रदर्शन हटाने की मांग


वहीं, कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए शाहीनबाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंद किशोर गर्ग ने याचिका दाखिल की है.


याचिका में कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट से लेकर सभी अदालतों में कोरोना के प्रभाव से बचने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमाघर सब बंद हैं. ऐसे में धरने-प्रदर्शन की कैसे इजाजत दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से प्रदर्शन खत्म करने के आदेश दिए जाएं.