नयी दिल्ली। लोकसभा में हंगामे के बीच शुक्रवार को खनिज विधि संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी गयी जिसमें कोयला खदानों के पट्टे संबंधी नियमों एवं आवंटन संबंधी प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है। हंगामे के बीच ही कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विधेयक को पारित कराने के लिये आगे बढ़ाया और सदन ने ध्वनिमत से इसे मंजूरी प्रदान कर दी। जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है और इससे खनन एवं खनिज क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आयेगा। जोशी ने कहा था, ‘‘देश में कोयला की प्रचुर मात्रा होने के बावजद हमें इसका आयात करना पड़ता है। इस विधेयक के पारित होने से कई प्रकार की बंदिशें समाप्त होंगी और इसलिये यह संशोधन लाया गया है।’’ मंत्री ने कहा था कि चूंकि सदन में व्यवस्था नहीं है, इसलिये आग्रह करता हूं कि इसे बिना चर्चा कराये पारित किया जाए। हालांकि बृहस्पतिवार को हंगामे के कारण विधेयक पारित नहीं हो सका। यह विधेयक संसद से पारित होने के बाद इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके माध्यम से खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम 1957 और कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम 2015 में संशोधन का प्रावधान किया गया है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क और क्रोमाइट अयस्क की 334 खानों की बाबत खनन पट्टे 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रहे हैं जिससे 46 गैर प्रतिबद्ध खान कार्यरत हैं। यह देखा गया है कि कुछ राज्यों ने इन ब्लाकों की नीलामी के लिये कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें कहा गया है कि फिर भी विभिन्न सरकारी अभिकरणों से बीस से अधिक निकासी प्राप्त करने के बाद ही नीलामी के माध्यम से खनन आवंटन के लिये कोयला खनन प्रक्रियाएं आरंभ की जा सकेंगी।
लोकसभा ने खनिज विधि संशोधन विधेयक 2020 को दी मंजूरी