गांधीनगर। मध्यप्रदेश की तर्ज पर गुजरात में भी कांग्रेस के भीतर 2 फाड़ होती दिखाई दे रही है। गुजरात की राजनीति ने रविवार को तब अचानक करवट बदली जब 5 कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफे देकर चौंका दिया। इस्तीफा देने वाले ये 5 विधायक हैं प्रवीण मारू, मंगल गावित, सोमाभाई पटेल, जेवी काकड़िया और प्रद्युम्न जडेजा। यह सारी कवायद गुजरात में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए हो रही है, जहां 26 मार्च को चुनाव होने जा रहे हैं। गुजरात विधानसभा की कुल 180 सीटें हैं और भाजपा गठबंधन 106 सीटों के साथ राज्य की सत्ता में काबिज है। दूसरी तरफ कांग्रेस के पास जिग्नेश मेवाणी समेत 69 विधायक हैं। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा की 4 सीटों के लिए अभय भारद्वाज, रमीवा बेन बारा, नरहरि अमीन को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने
नरहरि अमीन और कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को राज्यसभा के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसी बीच गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के 5 विधायकों ने उन्हें अपने इस्तीफे सौंपे हैं।
कांग्रेस को डर है कि मध्यप्रदेश की तरह गुजरात में भी और तोड़फोड़ हो सकती है। विधायकों की खरीद फरोख्त के डर से कांग्रेस ने अपने 14 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। इन सभी विधायकों को मोबाइल ने रखने को कहा गया है। यही नहीं, जयपुर के एक रिसोर्ट में ले जाए गए ये विधायक परिजनों से भी मुलाकात नहीं कर सकते।
जिन विधायकों को जयपुर के रिसोर्ट में रखा गया है, वे हैं लखाभाई भरवाड़ (वीरमगाम), पूनम परमार (सोजित्रा), जिनी बेन ठाकुर (वाव), चंदनजी ठाकुर (सिद्धपुर), रित्विक मकवाना (चोटिला), चिराग कालरिया (जामजोधपुर), बलदेव ठाकुर (कलोल), नाथाभाई पटेल (धनेरा), हिम्मतसिंह पटेल (बापूनगर), इंद्रजीत ठाकुर (महुधा), राजेश गोहिल (ढांढुका), हर्षद रिबदिया (विसावदर), अजीत सिंह चौहान (बालासिनोर) और कांति परमार (ठासरा)। यह भी खबरें मिल रही हैं कि राजस्थान में गेहलोत सरकार गुजरात के 36 विधायकों को उदयपुर भेज सकती है। इनके अलावा जो विधायक बचते हैं, वे गुजरात में ही रहेंगे ताकि विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकें।