न्यू नोएडा पब्लिक स्कूल  में महिला दिवस मनाया गया


नोएडा। न्यू नोएडा पब्लिक स्कूल की तरफ से महिला दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र की भावी महिलाएं उपस्थित रहीं जिन्होंने अपने घर-परिवार के साथ-साथ जीवन में समाज व वर्ग में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सभी अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्या श्रीमति श्वेता त्यागी ने शॉल व कन्या मुकुट पहनाकर किया। ऐसी ही एक प्रधान विमलेश प्रधान जो कुशल, मृदुभाषी, व भावी प्रधान के साथ समाजसेवा में भी अपना योगदान दे रहीं है। लेखिका तृप्ति मल्होत्रा जो कि एक शिक्षा निदेशालय, दिल्ली  से सेवानिवृत साथ ही साथ धार्मिक पुस्तक लेखन में अपना योगदान दे रहीं हैं, नोएडा से-48 शाखा की संचालिका ब्हमकुमारीज़ से बहन ऋचा व सहयोगी बहन रूची जिन्होेंने अपना सारा जीवन मानवता कार्याें व परहित में न्यौछावर कर दिया, महिला मोर्चा की एक कुशल नेत्री व समाजसेविका प्राची शर्मा जिन्होंने अपना जीवन महिलाओं व समाज के हित कार्याें में समर्पित कर दिया, आज मंच पर महिला प्रधान पिंकी प्रधान ने भी अपनी उपस्थित होकर गौरव बढ़ाया है। आज मंच पर सहज योग केंद्र से गरिमा अपनी सहयोगियों के साथ व अन्य गणमान्य महिलाएं उपस्थित रहीं। महिला दिवस के इस कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका वंदना झा, शर्मिष्ठा साह, प्रबंधक दिवाकर त्यागी व कॉओर्डिनेटर अंशुल पाल ने किया। इस मौके पर सभी शिक्षक व वरिष्ठ अतिथिगण मौजूद रहे।
इस मौके पर कुछ यंू बोलीं महिलाएं:-
1. एक स्त्री सारे रिश्तों को कितने अच्छे से संभालती हैं। आज महिलाओं का योगदान सभी क्षेत्र में अहम व उत्तम हैं। महिलाएं किसी भी देश के विकास का मुख्य आधार होती हैं। वे परिवार, समाज और देश की तरक्की में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वहीं आज महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं एवं पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लेकिन आज भी कई क्षेत्रों में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार नहीं मिल रहा है। उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। वहीं हमारे देश मे लगातार घट रही महिलाओं की संख्या और बढ़ रहे भ्रूण हत्या,  महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार के मामले काफी चिंताजनक हैं। 
प्रधानाचार्या श्वेता त्यागी,
न्यू नोएडा पब्लिक स्कूल
2. अभी भी दुनिया के उन्नत देशों में भी महिला सशक्तिकरण की स्वीकृति पर सवाल हैं, जबकि राजनीतिक दबाव में विकासशील देशों और राष्ट्र तो महिला समानता के अधिकार को पूर्ण रूप से स्वीकारने से काफी दूर हैं। लेकिन अब बीते कुछ सालो से इसमें थोड़े-थोड़े बदलाव आ रहे हैं। इसलिए महिलाओं के सम्मान के प्रति सभी को जागरूक होने की जरुरत है। दुनियाभर में महिलाओं को उनके अधिकार और सन्मान देने के लिये बहुत सी संघटनांये आगे आ रही हैं। और हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। ताकि विश्व भर में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना सके। 
नेत्री प्राची शर्मा, महिला मोर्चा
3. नारी दया, करुणा, प्रेम और ममता की पवित्र मूर्ति होती हैं। नारी ही मनुष्य की जन्मदात्री होती हैं, जिसके ह्रदय में सूर्य जैसा तेज, समुद्र जैसी गंभीरता, चन्द्रमा जैसी शीतलता, पर्वतों जैसी मानसिक उच्चता, पृथ्वी जैसी क्षमता होती है। वहीं जिस समाज में नारी का सम्मान नहीं किया जाता, उस समाज का जल्द ही सर्वनाश हो जाता है। इसलिए हर किसी को नारी का सम्मान करना चाहिए। 
लेखिका तृप्ता मल्होत्रा
सेवानिवृत, शिक्षा निदेशालय, दिल्ली
4. समाज और देश के प्रगति में नारी का सराहनीय योगदान हैं इसलिए पूरी दुनिया नारी सशक्तिकरण का विगुल बजा रही हैं. नये-नये क्षेत्रो में स्त्री के प्रतिभा की पहचान हो रही है. आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नही हैं जहाँ उच्च स्थान पर नारी न कार्यरत हो. नारी के सम्मान और शिक्षा के लिए हर व्यक्ति को अपना सहयोग करना चाहिए ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके. इस लिए नारी को अपनी शक्ति की पहचान करनी होगी और वह सिर्फ राजयोग से संभव है।
बहन ऋचा, 
बह्माकुमारीज़ शाखा से-48, नोएडा