वित्त मंत्री सीतारमण बोली- तीन साल में किसी बैंक की असफलता के कारण जमाकर्ताओं को नहीं हुआ नुकसान

केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि पिछले तीन साल में किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की असफलता के कारण जमाकर्ताओं को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पिछले तीन साल में नियमों का पालन नहीं करने वाले 13 बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई दायरे में लाया गया। 


इन बैंकों के कार्यकलापों के कारण जमाकर्ताओं को हुए नुकसान के बारे में उन्होंने आरबीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर उच्च सदन को बताया, ‘‘विगत तीन वर्षों के दौरान किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की असफलता के कारण जमाकर्ताओं को नुकसान होने की कोई घटना नहीं हुई है।’’ 


आरबीआई के नियमों के अनुसार पिछले तीन सालों में कारोबार करने से प्रतिबंधित किए गए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से जुड़े शिवसेना के संजय राउत के सवाल के जवाब में सीतारमण ने बताया कि आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत संगत सीमा के उल्लंघन के कारण अलग अलग समय पर 13 बैंकों को संरचना के अंतर्गत रखा गया। 


उन्होंने बताया कि इनमें से छह बैंक अभी भी संरचना के अंतर्गत हैं और चार बैंक, जो निजी क्षेत्र के बैंक हैं, को शेयरधारिता या सूचीबद्धता की अपेक्षाओं को पूरा न करने और सांविधिक उपबंधों का अनुपालन नहीं करने के कारण नयी शाखायें खोलने से प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा चार में से एक बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 6(1) के अंतर्गत सूचीबद्ध व्यवसाय के नये क्षेत्रों में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है।