आईटी सेक्टर में 1.5 लाख रोजगार छिनेंगे, गुड़गांव की एक कंपनी ने करीब 300 कर्मचारियों को छुट्‌टी दी


मुंबई. कोरोना वायरस का असर आखिरकार बेरोजगारी पर दिख ही गया। खबर है कि देश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी सेक्टर यानी आईटी में 1.5 लाख रोजगार छिन सकते हैं। इस संबंध में गुड़गांव की एक कंपनी ने करीबन 300 कर्मचारियों को छुट्‌टी दे दी है।


जानकारी के मुताबिक एएसा अनुमान है कि भारतीय आईटी सेक्टर से अगले तीन से 6 महीनों में 1.5 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि इसमें से ज्यादातर लोगों का रोजगार छोटी कंपनियों से जाएगा, क्योंकि वे अब इस महामारी से निपटने में सक्षम नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे कंपनियां कुछ एक ग्राहकों पर ही निर्भर थीं और कोरोना की वजह से उनके कारोबार पर बुरा असर हुआ है।
देश में आईटी सेक्टर में करीब 45 लाख कर्मचारी


देश के आईटी सेक्टर में करीबन 45 लाख कर्मचारी हैं जिसमें से छोटी कंपनियों के पास 10-12 लाख कर्मचारी हैं। शीर्ष पांच आईटी कंपनियां करीबन 10 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।  उधर दूसरी ओर  यूनाइटेड किंगडम की फ्लैगशिप कंपनी ब्रिटिश एयरवेज अपने 28,000 कर्मचारियों की अस्थाई छंटनी करने वाली है। ये 28,000 लोग ब्रिटिश एयरवेज के कुल वर्कफोर्स का करीब 60 फीसदी हैं।


एयरलाइन कंपनी ने यह कदम कोरोनावायरस  के बढ़ते संक्रमण के कारण उठाया है। दुनिया भर में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसका एविएशन सेक्टर पर काफी बुरा असर पड़ा है क्योंकि दुनिया के ज्यादातर देशों ने इंटरनेशनल उड़ानों पर पाबंदी लगा दी है। इसकी वजह ब्रिटिश एयरवेज की उड़ानें भी बंद है। इस उद्योग को करीब 884 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा और 22 लाख से अधिक लोगों का रोजगार छिन जायेगा।


अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) की एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर आज जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि यदि हवाई यात्रा पर कड़े प्रतिबंध तीन महीने रहते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे प्रतिबंध हटाये जाते हैं तो इस वर्ष क्षेत्र में यात्रियों की संख्या 37 फीसदी कम रह जायेगी। इससे 88 अरब डॉलर का राजस्व नुकसान होगा। आयटा ने सदस्य देशों की सरकारों से विमानन क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की माँग की है।


कंपनी पिछले एक हफ्ते से यूनियन से बातचीत कर रही है। गुरुवार रात यूनियन इस बात पर राजी हो गए हैं कि कंपनी 28,000 कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर हटा सकती है। इस दौरान कर्मचारियों को 80 फीसदी सैलरी मिलती रहेगी। यूनियन ने कहा कि कर्मचारियों को बिना सैलरी छुट्टी पर नहीं भेजा जा सकता है।


यूनाइटेड नेशनल एविएशन ऑफिसर ऑलिवर रिचर्डसन ने कहा है कि अभी पूरा एविएशन सेक्टर मुश्किल से जूझ रहा है। ऐसे में यह अच्छी डील है। ब्रिटिश एयरवेज के चीफ एलेक्स क्रूज ने कहा कि एयरलाइन ने अभी जो किया वह मजबूरी है। लेकिन हमारी कोशिश है कि कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
कर्मचारियों को वेतन नहीं देने पर होगी जेल


दूसरी ओर गुजरात सरकार ने राज्य के फैक्टरी मालिकों को चेतावनी दी है कि अगर वो लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं देते हैं तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। गुजरात सरकार के अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई फैक्टरी मालिक लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से कर्मचारियों की सैलरी काटता है या किसी को नौकरी से निकालता है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है।


राज्य सरकार ने इस मामले में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव अश्वनी कुमार ने बताया कि इस नोटिफिकेशन से फैक्टरी में काम करने वाले 18 लाख मजदू्रों, पंजीकृत ठेकेदारों के 25 लाख मजदूर और दुकानों में काम करने वाले 12 लाख कर्मचारियों को राहत मिली है।


कुमार ने कहा, "लॉकडाउन के दौरान कोई भी मालिक या कंपनी अपने कर्मचारियों या मजदूरों की छंटनी नहीं कर सकती है। कंपनियों को उन्हें वक्त पर और पूरी सैलरी देनी होगी। जो लोग इसे नहीं मानेंगे उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।