जालंधर. जालंधर में शुक्रवार को प्रशासन के कई रूप देखने को मिले। अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों की मंगलकामना की गई तो सड़कों पर कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरती गई। हालांकि शहर के कई तंग बाजारों और गलियों में खासकर गोपाल नगर, मोहल्ला करार खां, शक्तिनगर, अली मोहल्ला, रैणक बाजार मिलाप चौक व फगवाड़ा गेट इलाकों में लोगों की चहल-पहल रोजमर्रा की तरह थी। दरअसल, शहर में कर्फ्यू लगे एक महीने से ऊपर हो गया है। कोरोना वायरस से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन लोग हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। शुक्रवार को कर्फ्यू का दौरान जहां सड़कों पर सख्ती दिख रही थी, वहीं गली बाजारों में लोग जमकर कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे थे। गोपाल नगर, मोहल्ला करार खां, शक्तिनगर, अली मोहल्ला, रैणक बाजार, मिलाप चौक व फगवाड़ा गेट सहित शहर के कई तंग बाजारों और गलियों में लोगों की चहल-पहल रोजमर्रा की तरह थी। वहीं कई दुकानें भी खुली थी, जहां पर लोग शारीरिक दूरी का ध्यान किए बगैर सामान ले रहे थे। पुलिस का हूटर सुनते ही लोग घरों में भाग खड़े होते, लेकिन उनके जाते ही फिर से सड़कों पर आ जाते। कई जगह पर पुलिस ने खुली दुकानों को बंद करवाया और कई लोगों को चेतावनी देकर घर वापस भेजा।
मरीजों के लिए तैयार किए विशेष कप, गैट वैल सून का स्लोगन लिखा
शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल जालंधर में कोरोना वायरस से प्रभावित इलाज के लिए सार्थक पहल करते हुए जिला प्रशासन ने चीनी मिट्टी के मग देने का क्रम शुरू किया है। इन मगों पर गैट वैल सून लिखा हुआ है। डिप्टी कमिशनर वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 से प्रभावित मरीजों के साथ निजी सांझ बढ़ाकर उनमें प्रशासन और अस्पताल अमले के प्रति विश्वास को बनाए रखना है। जब अस्पताल के अमले की तरफ से उनको खास तौर पर तैयार करवाए गए मग दिए गए तो उनको बहुत खुशी महसूस हुई और उनके चेहरों पर मुस्कान देखी गई।
उधर सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. कश्मीरी लाल ने बताया कि मरीजों के साथ भावनात्क सांझ भी एक दवा ही है और इससे उनकी चिंता दूर होती है। अस्पताल के काउंसलरों की तरफ से रोजाना मरीजों की काउंसलिंग की जा रही है, जो उनके इलाज में बेहतर भूमिका निभा रही है।