कोरोना वायरस: इस बार कैसे गुजरेगा रमजान, दुनिया भर के धर्म प्रभावित

नई दिल्ली. यहूदी कैलेंडर के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक पासोवर की शुरुआत आठ अप्रैल की शाम को हो रही है। इस मौके पर यहूदी परिवार और उनके करीबी साथ जुटते हैं और एक विशेष व्यंजन सेडर खाते हैं। धार्मिक किताबें पढ़ते हैं, गाने गाते हैं और कहानियां सुनाते हैं। यह त्योहार यहूदी समुदाय मिस्र की ग़ुलामी से आजादी के तौर पर मनाता है।
लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जा रहा है, ऐसे में इस साल यहूदी परिवार दूसरों को अपने साथ पारंपरिक भोजन के लिए नहीं बुला पाएंगे। ईस्टर और रमजान भी नजदीक ही हैं इसलिए दुनिया भर में ईसाइयों और मुसलमानों को भी यही दुविधा झेलनी पड़ेंगी।


अमेरिका में कुछ चर्च और पादरी 'घर में रहने' के आदेश नजरअंदाज कर रहे हैं लेकिन जो लोग आइसोलेशन में हैं वो किस तरह अपने धार्मिक उत्सव में सामाजिक मेलमिलाप की भावना को जगाए रख सकते हैं?


पुराने समारोहों को ऑनलाइन चलाना
रब्बी रिक जैकब्स न्यूयॉर्क में रहते हैं, जो अमेरिका में कोरोना महामारी का हॉटस्पॉट है। वो यहूदी धर्म सुधार यूनियन के प्रमुख हैं जो उत्तर अमेरिका में यहूदी धर्म सुधार की ही एक शाखा है। जिन लोगों ने वर्चुअल दुनिया के जरिए त्योहार मनाने का फैसला लिया है उनके लिए रब्बी के पास कुछ खास टिप्स हैं।


वो कहते हैं, ''लिस्ट में सबसे ऊपर जो विकल्प हैं वो ये है कि आप मौजूदा परिस्थिति के हिसाब से ही चीजें करें। सेडर की रीतियों में हाथ धोने का भी एक पारंपरिक तरीका है। सच्चाई ये है कि वो मुख्य रूप से रीति निभाने और शुद्धता के लिए था न कि सफाई के लिए।''


''लेकिन अब हम अपने बच्चों को यह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि नियमित रूप से हाथ धोना हमारे समाज की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।'' उनके पास और भी सुझाव हैं ताकि इस आयोजन को बेहतर बनाया जा सके और अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकें।


''एक परंपरा है कि आप एलिजा के लिए दरवाजा खोलते हैं। इसमें आप आम तौर पर घर के सबसे छोटे सदस्यों में से किसी एक को दरवाजा खोलने के लिए कहते हैं। अब इस वक़्त हो सकता है आपके परिवार के कम उम्र के लोग आपके आसपास न हों ऐसे में आप उनसे कहें कि वो अपना टैबलेट ऑन करें, जहां हैं वहां के दरवाजे तक जाएं और खोल दें।''


वो कहते हैं, ''सच ये है कि यह एक परंपरागत रीति है। तो यह हम पर है कि हम कैसे इसे अपनाते हैं और आगे बढ़ाते हैं। हमारा सुझाव है कि आप जूम चैट पर जाएं और बाकी लोगों से उनकी सलाह मांगे कि वो क्या करना चाहते हैं। वो कौन सी चीजें हैं जिनके जरिए हम अपने समाज और दुनिया को बेहतर बनाने के प्रयास कर सकते हैं।''


''पासोवर के लिए महत्वपूर्ण चीज ये है कि हम अभी क्या चाहते हैं। यह बड़ी मुश्किल और चुनौती के क्षणों में यहूदी लोगों के लचीलेपन की कहानी है और यह एक ऐसा आयोजन है जो हमें हमेशा आशा रखने की याद दिलाता है।"


वर्चुअल कम्युनिकेशन


ईसाइयों के लिए यह साल एक महत्वपूर्ण समय है। 12 अप्रैल को ईस्टर है। इस दौरान ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने के बाद उनके दोबारा जी उठने का जश्न मनाया जाता है और ईसाइयों के लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।


इस दौरान बहुत से लोग चर्च पर एकजुट होते हैं, खासतौर पर गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे पर। अब इस दौरान होने वाली अधिकतर रीतियां अलग ढंग से होने लगी हैं।


कीनिया की राजधानी नैरोबी में रहने वाली करोले कुत्सुशी का कहना है, ''हम लोग गुड फ्राइडे पर जूम के जरिए धार्मिक चर्चा करेंगे। जैसी परिस्थितियां अभी हैं उनके चलते हमें वो ब्रेड नहीं मिलेगी जो हम आमतौर पर चर्च में इस्तेमाल करते हैं तो हम ऐसी चीजों का इस्तेमाल करेंगे जो इसके जैसी हों।''


''हम एक साधारण रोटी का टुकड़ा और अंगूर का जूस लेंगे और प्रार्थना के बात आपस में बातचीत करेंगे।'' कीनिया में अब भी पूरी तरह लॉकडाउन नहीं है। यहां रात में कर्फ्यू रहता है और सरकार लोगों से घर में रहने की अपील कर रही है।


करोले का चर्च आम तौर पर छोटे फेलोशिप ग्रुप्स के साथ हर सप्ताह एक दूसरे के घरों में जाता है। वो कहती हैं, अब हम लोग वर्चुअल मीटिंग करते हैं और ज़्यादा समय तक एक दूसरे से बात कर सकते हैं। ''हमारे चर्च प्रमुख हमें बाइबल के अंश भेजते हैं और कुछ टॉपिक भी जिन पर अगले हफ़्ते चर्चा होनी है। हम हर मंगलवार और शुक्रवार जूम पर चर्चा करते हैं और प्रार्थना करते हैं।''


''यह एक तरह की चुनौती है लेकिन मुझे लगता है अपने घर में बैठकर यीशु से बात करने का अच्छा तरीका है। इसमें हम बाइबल पढ़ते वक़्त बच्चों को भी शामिल कर सकते हैं।'' करोले कहती हैं कि इस तरह वो अपने चर्च के फेलोशिप ग्रुप से भी जुड़ी रहती हैं। ''मुझे लगता है इस वजह से हम लोग पहले के मुकाबले और करीब आ गए हैं।''


रमजान का महीना
मुसलमानों का पवित्र त्योहार रमजान 23 अप्रैल से शुरू हो रहा है। मुसलमानों के लिए यह महीना बेहद पाक होता है और कहा जाता है कि इसी महीने में पहली बार पवित्र कुरान को पैग़म्बर मोहम्मद के सामने रखा गया था।


इस पूरे महीने मुसलमान रोजा रखते हैं और दिन में खाना-पानी से दूर रहते हैं। शाम में सूरज ढलने के बाद परिवार और दोस्तों के साथ एकजुट होकर लोग इफ़्तार करके रोजा तोड़ते हैं। बहुत से लोग मस्जिद जाकर नमाज पढ़ते हैं।


ब्रिटेन में युवा मुसलमानों का एक समूह कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन को एक नए मौके की तरह देख रहा है। मुस्लिम टेंट प्रोजेक्ट आमतौर पर एक आयोजन करता है जिसे ओपन इफ़्तार कहते हैं। इसमें वो लंदन की किसी एक ऐतिहासिक जगह पर टेंट लगाते हैं और सभी समुदायों के लोग यहां आकर इफ़्तार कर सकते हैं।


इस साल वे लोग रमजान के पहले दिन वर्चुअल इफ़्तार का आयोजन करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि इसमें हजारों लोग शरीक होंगे। टीम लोगों को पैकेट भेज रही है ताकि उनका इफ़्तार बेहतर हो। इन पैकेट में रेसिपी, गेम्स और फैक्ट शीट हैं।


जूम के जरिए होने वाली ये इफ्तार रमजान के महीने में हर दिन होगी और इसमें हर दिन नमाज भी लाइव होगी। टीम के सदस्य रोहमा कहते हैं, ''शाम के वक़्त की नमाज को मग़रिब की नमाज कहते हैं। यही वो वक्त है जब हम सब एक साथ रोजा तोड़ते हैं।''