क्या चीन पूरी तरह से संक्रमण मुक्त होने का झूठा दावा कर रहा है?

चीन बेशक ये दावे कर ले कि अब कोरोना के आतंक से वह मुक्त हो गया है और अब वहां जीवन सामान्य होने लगा है, लेकिन अंदरूनी हालात कुछ और ही हैं। अब भी चीन ने अपने देश में कई पाबंदियों के साथ कोरोना से अपनी जंग जारी रखी है और दुनिया को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि न तो उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क पड़ेगा और न ही विकास के कामकाज पर।
चीन का झूठ इसलिए भी सामने आ रहा है क्योंकि चीन ने अपने सीमाई इलाकों को इस बात के लिए सतर्क किया है कि कोई भी बाहरी नागरिक उनके यहां न आए और कोरोना के कैरियर के तौर पर वहां नई मुश्किल न खड़ी कर दे।


अब भी चीनी अधिकारी तमाम इलाकों में कोरोना के तमाम मरीजो को ठीक करने में लगे हैं और कई नए मामले भी सुनने में आ रहे हैं। माना जा रहा है कि चीन अभी भी दुनिया के सामने कोरोना प्रभावित लोगों की सही जानकारी नहीं दे रहा है और हजारों लोगों के बारे में जानकारियां छिपा रहा है।


चीनी प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी के अहम नेता ली क्विंग की अगुवाई में हुई चीन कोविड-19 एपिडेमिक रेस्पांस ग्रुप की एक अहम बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में खासकर सीमाई इलाकों के अफसरों को ये आदेश दिए गए कि स्थानीय स्थितियों को देखते हुए वो कड़े फैसले लें और महामारी को रोकने और इससे बचाव के रास्ते सख्ती से उठाएं।


बैठक में तय किया गया कि दूसरे देशों से लगी चीन की सीमा से बेवजह की आवाजाही पर रोक लगाई जाए और कड़ी निगरानी रखी जाए। बैठक में ये आदेश दिया गया कि किसी भी संदिग्ध मामले की तत्काल सूचना दी जाए, रोजाना हर इलाके की रिपोर्ट भेजी जाए और पड़ोसी देशों को आगाह किया जाए कि जब तक बेहद जरूरी न हो, वो अपने नागरिकों को चीन न भेजें।


जाहिर है जिस तरह चीन अब भी इस मामले को लेकर इतना गंभीर है और लगातार बैठकें कर रहा है, उससे ये आशंका जताई जा रही है कि वह दुनिया के सामने अपनी गलत तस्वीर पेश कर रहा है और दिखाने की कोशिश कर रहा है कि अब वह इससे उबर चुका है।