नई दिल्ली. कोरोनावायरस के कारण देश में आर्थिक संकट के हालात बनने गले हैं। इससे प्रभावित सेक्टर्स को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है। जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित रेस्ट्रॉन्ट्स, एविएशन और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टरों को यह छूट दी जा सकती है कि वे 6 महीनों तक जीएसटी का भुगतान न करें। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी रेट घटाया जा सकता है।
जीएसटी माफ करने की हो रही
पूरा जीएसटी माफ करने की मांग हो रही है, लेकिन सरकार कुछ समय के लिए जीएसटी न चुकाने की छूट देने पर विचार कर रही है. किसी सेक्टर को पूरा टैक्स माफ करने से क्रेडिट चेन में दिक्कत आएगी और समस्याएं बढ़ेंगी।
कैश सिस्टम के आधार पर वसूला जाएगा जीएसटी
सरकार कैश सिस्टम के आधार पर जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। अभी इनवॉयस बेस्ड सिस्टम पर टैक्स लगाया जाता है। साथ ही, ऐसी बिक्री पर जीएसटी राहत देने पर विचार किया जा रहा है, जिसके लिए पेमेंट लॉकडाउन के कारण नहीं मिला है। सूत्रों ने बताया कि कैश की तंगी से जूझ रही इकाइयों को इन उपायों से राहत मिलने की उम्मीद है। इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी।
कहां कितना जीएसटी?
रेस्ट्रॉन्ट्स पर जीएसटी लगता है, वहीं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कई दरें हैं। 7500 रुपए रात से ऊपर के किराए वाले कमरों पर 18 प्रतिशत जीएसटी और इससे कम किराए वालों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
इकॉनमी क्लास ट्रैवल के लिए जीएसटी 5 प्रतिशत है, वहीं बिजनस क्लास पर यह 12 प्रतिशत है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए प्रस्ताव यह है कि रेट बिना क्रेडिट के 5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया जाए, वहीं क्रेडिट के साथ इसे 12 से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया जाए।