लॉकडाउन में तड़पता मरीज देखकर डॉक्टर्स ने ब्लड डोनेट करने की ठानी, अब मुहिम से सभी रेजिडेंट जुड़े

जयपुर। कोरोना वॉरियर्स इस महामारी को हराने में लगे हैं। एसएमएस के रेजिडेंट भी इस लड़ाई में पीछे नही हैं, चाहे वे ऑर्थो के हों या न्यूरो, एनेस्थीसिया, यूरो या किसी भी स्ट्रीम के। मरीजों का इलाज करने में डॉक्टरों के साथ खड़े हैं। पीपीई किट, मास्क की कमी लगे तो खुद वीडियो बनाकर लोगों से अपील करने लगते हैं, किसी मरीज को हॉस्पिटल में खून की जरूररत पड़े तो डोनेट करने लगते हैं।


जार्ड की दो मुहिम जो सबको राहत देने वाली है


लॉक डाउन के दौरान टाटियावास के पास एक्सीडेंट में घायल एक मरीज एसएमएस के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। ट्रॉमा में ड्यूटी कर रहे रेजिडेंट्स ने उसका इलाज शुरू किया। मरीज को ब्लड भी चढ़ाया गया, लेकिन हैड इंजरी ज्यादा होने के कारण उसकी मौत हो गई। यह देखकर जार्ड (जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) ने फैसला किया कि जरूरत पड़ने पर रेजिडेंट खुद ब्लड डोनेट करेंगे, लेकिन किसी मरीज को परेशान नहीं होने


देंगे। जार्ड ने ' रिबिल्ड वन लाइफ एट ए टाइम' स्लोगन के साथ पोस्टर बनाकर सबके साथ शेयर किया। अब तक लॉकडाउन में कई रेजिडेंट ब्लड डोनेट कर चुके हैं।


रेजिडेंट की वीडियो से अपील - हमें किट चाहिए
एसएमएस में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों, रेजिडेंट व अन्य स्टाफ को पीपीई किट, सर्जिकल या एन 95 मास्क की जरूरत पड़ रही है। एसएमएस और संलग्न अस्पतालों में करीब एक हजार रेजिडेंट ऑन ड्यूटी रहते हैं। ऐसे में किट, मास्क जैसे सामान की जरूरत देखकर एनेस्थीसिया की रेजिडेंट डॉ. नवलीन खुराना और हार्दिका मंगल ने वीडियो बनाए।


वीडियो में लोगों से अपील की कि डॉक्टर संक्रमित होंगे तो बहुत ज्यादा परेशानी होगी। रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए मास्क, किट उपलब्ध कराइए। वीडियो पब्लिक में शेयर किए। इसका फायदा यह मिला कि जार्ड को विभिन्न संस्थानों से 10 हजार ट्रिपल लेयर, एन 95 मास्क मिले, वहीं जल्द पीपीई किट भी आएंगे।



इनका कहना है 
एसएमएस और संलग्न हॉस्पिटल्स में एक हजार से ज्यादा रेजिडेंट ऑन ड्यूटी हैं। रोजाना पर्सनल प्रोटेक्शन किट, मास्क वगैरह की जरूरत पड़ती है। हम लोगों से भी उपलब्ध कराने की अपील कर रहे हैं। साथ ही सभी रेसिडेंट्स ने ठानी है कि मरीज को ब्लड की कमीं नही खलने देंगे, जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट करेंगे।