पहली बार देश में 24 घंटे में 16 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच, इनमें 2% ही संक्रमित पाए गए; अब रेड जोन में रहने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में पहली बार एक दिन में 16 हजार से ज्यादा कोरोना सैंपल की जांच हुई है। इनमें सिर्फ 2% पॉजिटिव केस मिले। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले दिनों में जांच की संख्या और बढ़ाई जाएगी। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया कि अब टेस्टिंग के नियमों में बदलाव किया गया है। आगे से रेड जोन एरिया में रहने वाले सभी लोगों की जांच होगी। चाहे उनमें लक्षण हों या नहीं। यह वह एरिया होंगे, जहां से कुछ संक्रमित मिले होंगे। कोरोनावायरस को लेकर केंद्र सरकार की तैयारियों की जानकारी देते हुए मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सरकार हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


हाइड्रोक्लोरोक्वीन, मास्कर और पीपीई किट की कमी नहीं


लव अग्रवाल ने बताया कि हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा, पीपीई किट और मास्क की कोई कमी नहीं है। अगले एक हफ्ते के अंदर देश को 1 करोड़ हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा की जरूरत पड़ेगी, जबकि अपने पास 3.28 करोड़ दवा स्टॉक में रखा गया है। 2.8 करोड़ टैबलेट एक हफ्ते में और मिल जाएंगी। इसके अलावा 20 लाख से ज्यादा पीपीई किट और मास्क राज्यों को दिए जा चुके हैं। जरूरत के अनुसार अभी राज्यों को मेडिकल इक्विपमेंट आवंटित किए जा रहे हैं। 49 हजार वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया गया है। जल्द ही यह भी मिल जाएंगे।  


20,473 विदेशियों को वापस भेजा गया
केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि कोरोना संकट के चलते सारी विदेशी और घरेलू उड़ानें बंद कर दी गई थीं। इसके चलते बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक यहां फंस गए थे। इनमें से 20,473 विदेशी नागरिकों को उनके देश भेज दिया गया है। अब दुनियाभर में फंसे भारतीय नागरिकों  को वापस लाने की तैयारी है। जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।


भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने पर फोकस


गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि वह लॉकडाउन को 100% सफल बनाएं। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पिछले कुछ दिनों में काफी तनाव बढ़ गया है। ऐसे में गृह मंत्रालय ने बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने का आदेश दिया है। बॉर्डर के दायरे में आने वाले गांवों में भी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है। 


सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी की जाए 


केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि 21 दिन के लॉकडाउन का 100 फीसदी पालन हो यह सुनिश्चित किया जाए। धार्मिक आयोजनों में भीड़ ना इकट्ठा होने दी जाए। सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि आपत्तिजनक पोस्टों को फैलने से रोका जा सके।